आज की यह मैरिड गर्ल सेक्स स्टोरी मेरी और मेरी गर्लफ्रैंड कुलदीप कौर की है। इसलिए अब मैं आपको सीधे स्टोरी की ओर ले चलता हूं.
कुलदीप की उम्र 34 साल है. वो एक शादीशुदा लड़की है.
उसके बूब्स 36, कमर 32 और गांड 36 की है. उसकी गांड पीछे की तरफ पूरी उठी हुई है। कुलदीप का कद 5.3 फीट है। उसका रंग दूध के जैसा सफेद है।
मुझे उसको पटाने में काफी मेहनत करनी पड़ी। आखिरकार वो फ्रेंडशिप के लिए राज़ी हो ही गई।
उसके दो बच्चे हैं- एक लड़का और एक लड़की।
वो दोनों स्कूल जाते हैं।
उसके सास ससुर उनसे अलग रहते हैं और उसके हस्बैंड विदेश में हैं। उसका पति दो साल में दो महीने के लिए ही आता है.
आप भी समझ गये होंगे कि वो दोपहर तक अकेली रहती होगी क्योंकि उसके बच्चे उस वक्त तक स्कूल में ही रहते हैं.
इसलिए जब भी मेरा मन होता है मैं उसको चुदाई के लिए बुला लेता हूं।
अब मैं आपको अपनी गर्लफ्रेंड की चुदाई की कहानी बताता हूं कि कैसे मैंने उसकी चूत मारी थी.
हमारी पहली मुलाकात के समय हमने अपने कांटेक्ट नंबर एक्सचेंज कर लिए थे।
हमारी हर रोज़ ही बात होने लगी और व्हाट्सएप्प पर मैसेज का सिलसिला चालू हो गया।
कुछ दिन तक नार्मल बातों के बाद हमारी डबल मीनिंग बातें होने लगीं।
एक दिन मैंने उसको चुदाई के बारे में बोला.
तो वो बोली कि वो सेक्स नहीं करेगी।
उससे मैंने कारण पूछा तो वो कहने लगी कि चुदाई के बाद हमारा रिश्ता फीका पड़ जायेगा. एक बार चूत मिल जाने के बाद मर्द को औरत में रूचि कम होना शुरू हो जाती है.
मैंने उसको विश्वास दिलाया कि ऐसा कुछ भी नहीं होने वाला है.
मगर वो मान ही नहीं रही थी.
फिर मैं उसको मनाता रहा और उसको चुदाई के लिए मनाने में मुझे 15 दिन लग गये.
आखिरकार वो चुदवाने के लिए राजी हुई.
फिर उसने मुझे आने वाले सोमवार मिलने को बोला।
सोमवार को मैंने उसको उसके बताई हुई जगह से 9:30 पर पिक किया।
वो बोली कि मुझे दोपहर दो वजे तक घर वापस आना है क्योंकि बच्चे स्कूल से 2 बजे आ जाएंगे।
मैं गाड़ी सीधे एक होटल में ले गया और उसको गाड़ी में बैठाकर ही रूम बुक करने चला गया।
कमरा बुक करके मैं वापस गाड़ी के पास आया और हम दोनों रूम में चले गये।
रूम में जाते ही मैंने दरवाजा बंद किया और उसको पकड़ कर उसके लिप्स पर किस करने लगा।
वो भी मेरा साथ देने लगी क्योंकि आग दोनों तरफ बराबर लगी हुई थी.
इसलिए हमने बहुत जल्दी एक दूसरे के कपड़े उतार दिये।
कपड़े उतारने के साथ ही हम बेड पर आ गए और मैंने उसके बूब्स को मुंह में भर लिया और उसके बूब्स को हल्के हल्के बाइट्स से काटने लगा.
अब मैंने उसके बूब्स छोड़े और उसके गले पर किस करने लगा.
यह उसके जिस्म की बहुत संवेदनशील जगह है.
वो एकदम से उत्तेजित हो गयी और उसने मुझे पीछे धकेल दिया.
उसका चेहरा एकदम से लाल हो गया था.
उसने मुझे पीछे धकेल दिया और वो कुछ इस तरह से लेट गयी कि हम 69 की पोजीशन में आ गये.
इस पोजीशन में मेरा लंड उसके मुंह के पास आ गया था.
मेरा लन्ड मुंह में डालकर वो लॉलीपॉप की तरह चूसने लगी और मैं उसकी चूत को हाथों से खोलकर पूरा अंदर तक जीभ से चाटने लगा।
वो पूरी मस्ती में अपनी गांड ऊपर नीचे करने लगी और अपनी चूत चुसवाने का मजा लेने लगी.
उसकी चूत लगातार मेरे मुंह पर धक्के लगा रही थी. उसकी उत्तेजना बहुत ज्यादा हो गयी.
और फिर कुछ देर के बाद उसकी चूत ने एकदम से अमृतरस छोड़ दिया.
मैंने उसकी चूत को चाटकर साफ कर दिया.
वो भी किसी भूखी शेरनी की तरह लंड को पूरी तरह मुंह में ले रही थी.
मैंने उसकी चूत को चाटना जारी रखा।
पांच मिनट बाद मेरे लन्ड का सुपारा फूलने लगा.
मैंने उसका सिर पकड़ा और लन्ड बाहर निकाल लिया.
मगर उसने लन्ड को फिर से मुंह में भर लिया.
मेरे लन्ड से वीर्य की पांच छह पिचकारी निकली और उसका मुंह मेरे वीर्य से भर गया.
वो पूरा वीर्य निगल गई।
मेरे स्खलित होने के बाद भी उसने मेरा लन्ड मुंह से नहीं निकाला और वो और भी मज़े से लन्ड चूसती रही।
वो मेरे अंडकोषों को हाथ में लेकर सहलाने लगी।
मेरे लंड में गुदगुदी होती रही लेकिन उसने लंड नहीं छोड़ा.
मैं तड़प रहा था और उसका साथ देने की कोशिश कर रहा था.
कभी वो मेरी छाती पर हाथ फेरती थी तो कभी मेरे जांघों पर. कभी मेरी निप्पल्स को छेड़ती थी तो कभी अंडकोषों को सहलाने लगती थी.
इस तरह से दस मिनट तक बिना रुके वो मेरे लंड को चूसती रही और एक बार फिर से मेरा लौड़ा तन गया.
मेरा लन्ड पूरा टाइट हो गया था।
मैंने उसको सीधा लेटने को बोला तो वो अपनी टाँगें फैलाकर लेट गई।
मैं उठा और अपना लन्ड उसकी चूत के द्वार पर सेट किया और बहुत आराम से धीरे धीरे पूरा उसकी चूत में उतार दिया।
पूरा लन्ड उसकी चूत में डालने के बाद मैं उसकी चूत की गर्मी महसूस करने लगा।
वो भी मज़े से आंखें बंद करके लन्ड की गर्मी को महसूस करने लगी और आनंद में आ गयी.
मैंने उसके होंठों से अपने होंठ सटा दिए और उसके होंठों का रस पीने लगा।
मैं बहुत आराम आराम से लन्ड अंदर बाहर करने लगा।
मैंने उसके बूब्स पकड़े और उसके गुलाबी निप्पल्स को दबाने लगा।
वो गांड ऊपर नीचे करने लगी मगर मैंने झटकों की स्पीड तेज़ नहीं की। मैं उसी स्पीड से चोदता रहा.
शायद वो जोर से चुदना चाह रही थी लेकिन मैं प्यार से चोदे जा रहा था.
उसने गुस्से से मेरी ओर देखा और बोली- तेज़ तेज़ करो!
मैंने उसको बोला- मैं तो इसी स्पीड से चुदाई करूँगा।
वो बोली- तो हटो फिर, मैं ही ऊपर आती हूं।
यह मेरी पसंदीदा पोजीशन थी. मैं मन ही मन खुश हो गया और मैंने बिना देरी किये खुद नीचे लेटकर उसको ऊपर आने दिया।
वो टांगें फैलाकर लन्ड पर चूत सेट करके बैठ गई और बिना वक्त गंवाये फुल स्पीड में ऊपर नीचे होने लगी।
उसके मुंह से आह … आह … की आवाज़ें आने लगी।
पांच मिनट में ही उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया.
जब उसकी चूत झड़ने वाली थी तो वो पूरा लन्ड चूत में लेकर मेरे ऊपर लेट गई।
उसकी चूत के होंठ मेरे लन्ड पर कभी कसने और कभी ढीले होने लगे।
मुझे बहुत अच्छा फील हो रहा था।
लगभग 2 से तीन मिनट तक उसने इस अनुभव को महसूस किया.
फिर वो उठी और धीरे धीरे ऊपर नीचे होने लगी।
मैंने उसको तेज़ करने को बोला तो वो बोली- अभी मैं इससे ज्यादा तेज नहीं कर सकती हूं, तुम खुद ही कर लो।
अब मैंने उसे नीचे लेटाया और उसके ऊपर आकर फुल स्पीड से उसे चोदने लगा।
वो हर झटके के साथ आह आह … की आवाज़ें निकालने लगी।
उसकी चूत से बहता पानी मेरे अंडकोषों को भिगो रहा था।
चूतरस से भीगा हुआ लन्ड अब पूरी फिसलन के साथ उसकी चूत में जा रहा था।
कमरे में उसकी आह आह … के साथ फच-फच की आवाज़ें भी आ रही थीं।
हम दोनों पसीने से पूरी तरह भीग चुके थे। वो भी कमर उठा उठाकर ताल से ताल मिलाते हुए चुदने लगी।
लगभग 20 मिनट बाद मेरा पानी निकलने वाला था; मैंने उसको पूछा- कहां निकालूं?
वो बोली- अंदर नहीं गिराना. मेरे बूब्स पर गिरा दो।
मैंने लन्ड उसकी चूत से निकाला और उसके बूब्स के पास ले गया.
मैं लंड को मुठ मारते हुए तेजी से रगड़ने लगा.
उसके चेहरे पर वीर्य की एक प्यास दिखाई दे रही थी. उसकी नजर मेरे सुपारे पर ही बनी हुई थी.
उसने अपनी चूचियों को दोनों हाथों से दबाकर लंड की ओर उठा रखा था. वो मेरा वीर्य गिरवाने के लिए तैयार थी.
एक मिनट के बाद मेरे लन्ड ने वीर्य की पहली पिचकारी छोड़ी जो उसके मुंह पर गालों के पास होंठों पर गिरी।
उसके बाद एक पिचकारी उसके गले पर गिरी और अंत में पीछे का गाढ़ा वीर्य उसके चूचों पर बूंद बूंद करके गिरा.
पूरा वीर्य निचोड़ कर मैं उसकी बगल में वहीं पर लेट गया.
उसने अपने दोनों बूब्स पर वीर्य को फैला दिया और उसकी मालिश करने लगी.
जब वो बूब्स की मालिश कर रही थी तो उसकी आँखें बंद थीं.
वो वीर्य स्नान का मजा ले रही थी. उसकी जीभ उसके होंठों पर घूम रही थी. होंठों वाला वीर्य उसने जीभ से चाट लिया. फिर उसने कुछ सेकेंड के बाद नीचे थूक दिया.
फिर वो बाथरूम में चली गई और लगभग 10 मिनट बाद वापस आई।
वो आकर मेरे साथ लेट गई।
मैं उसको फिर से किस करने लगा।
थोड़ी देर बाद वो भी मेरा साथ देने लगी।
हमारे होंठ एक दूसरे के होंठों से ऐसे चिपक चुके थे जैसे किसी बहुत ज्यादा प्यासे को पानी मिल गया हो।
लन्ड में भी हल्का कड़कपन आ चुका था।
वो अपना हाथ नीचे ले गई और लन्ड को पकड़ कर ऊपर नीचे करने लगी।
मैंने भी अपना हाथ नीचे ले जाकर उसकी चूत में दो उंगली एक साथ डाल दीं।
मैं उंगली अंदर बाहर करने लगा.
वो भी उसी स्पीड से अपना हाथ चलाने लगी जिस स्पीड से मैं उसको उंगली से चोद रहा था।
जब लन्ड पूरा टाइट हो गया तो मैंने उसको मेरी तरफ गांड करके लेटने को बोला.
वो मेरी तरफ गांड करके लेट गई।
मैंने पीछे से उसकी चूत में लन्ड लगाया और एक झटके में ही उसकी चूत में पूरा लन्ड डाल दिया।
मैं उसको तेज़ तेज़ चोदने लगा।
लगभग पांच मिनट बाद मैंने उसको डॉगी स्टाइल में आने को बोला.
वो इस पोजीशन में आ गई।
मैं उठा और पीछे से उसकी चूत में लन्ड डाल कर उसको चोदने लगा।
उसको मैंने उसकी कमर के पास से पकड़ा और पूरे जोर से झटके लगाने लगा।
वो आह आह … करने लगी।
लगभग दस मिनट तक इस पोजीशन में उसको चोदने के बाद मैंने लन्ड कुलदीप की चूत से बाहर निकाला और उसको ऊपर आने को बोलकर बेड पर लेट गया।
वो उठी और लन्ड पकड़ कर अपनी चूत के मुख पर सेट करके बैठ गई।
पूरा लन्ड चूत में जाने के बाद वो ऊपर नीचे होने लगी।
मैंने उसके झूलते हुए एक बूब्स को हाथ में लेकर उसके निप्पल को जोर से दबा दिया।
उसके मुख से हल्की चीख निकली मगर वो बिना रुके निरंतर ऊपर नीचे होती रही।
मैं कभी उसके लेफ्ट बूब को पकड़ लेता तो कभी राइट वाले चूचे को पकड़ लेता.
मगर वो आंखें बंद करके चुदाई का मज़ा ले रही थी।
लगभग दस मिनट बाद उसके मुख से आने वाली आवाज़ें तेज़ हो गईं और उसके झटके लगाने की स्पीड भी तेज होती गई।
उसकी सांसें उखड़ने लगीं और एक जोरदार झटके के साथ वो निढाल सी होकर मेरे ऊपर लेट गई.
उसका लेटने का अंदाज कुछ इस तरह लग रहा था जैसे किसी तूफान के बाद में सन्नाटा छा जाता है।
बस कमरे में मेरी और उसकी सांसों की आवाज़ ही आ रही थी।
जब उसकी सांसें नार्मल हो गई तो वो उठी और नीचे लेट गई।
मैंने उसकी टांगों को पकड़ कर ऊपर उठाया और उनके नीचे एक तकिया लगा दिया।
मैं उसकी टांगों के बीच में आ गया और लन्ड को चूत पर सेट किया और जोर से झटका लगा दिया।
मेरा लंड उसकी चूत में जा घुसा और मैं उसे चोदने लगा. मैंने बिना रुके लन्ड अंदर बाहर करना जारी रखा।
लन्ड का सुपारा उसकी बच्चेदानी पर जाकर चोट करने लगा था।
वो अपने नाखून से मेरी पीठ कुरेदने लगी।
हमारी चुदाई को चलते लगभग 25 मिनट हो चुके थे।
लन्ड की नसें भी फूलने लगी थी।
मैंने आठ से दस झटके ज़ोर से लगाये और वीर्य निकलने से ठीक पहले लन्ड उसकी चूत से निकाल लिया और वीर्य उसकी चूत के मुंह पर गिरा दिया।
उसने मुझे पूरी ताकत से बांहों में भर लिया और पागलों की तरह इधर उधर किस करने लगी।
मैंने भी उसके मुंह को पकड़ा और अपने होंठ उसके होंठों से सटा दिये।
लगभग 5 मिनट तक हमारी यह किस चली। फिर हम अलग हो गये.
उसके बाद हम दोनों फ्रेश हुए और होटल से बाहर आ गए। मैंने उसको जहां से सुबह पिक किया था वहीं ड्राप कर दिया।
उसके बाद तो फिर मैंने उसको बहुत बार चोदा.