ये कहानी मेरे स्कूल टाइम की है। मैं 12 वीं क्लास में पढ़ता था। उस समय मै लगभग 19 साल का था। तब मेरा लन्ड चूत चोदने के लिए बहुत ज्यादा तड़पता था। तभी मैंने हिम्मत करके सबसे पहले तो कल्पना मैडम को चोदा।फिर मेरी क्लासमेट टीना और बाद में हॉट सेक्सी महक मैडम को पेल दिया था। जब मै महक मैडम को चोद रहा था तब अचानक प्रिंसिपल मेम के आने के डर से मै महक मैडम की गांड नहीं मार पाया।
अब मेरा लन्ड महक मैडम की गांड मारने के लिए उछाले मार रहा था लेकिन महक मैडम की डर के मारे गांड़ फट रही थी।वो अब चुदाने के लिए बिल्कुल भी तैयार नहीं हो रही थी। मैं बार बार महक मैडम के उनकी गांड के लिए पीछे पड़ रहा था लेकिन वो नहीं मान रही थी।
एक दिन मै, महक और कल्पना मैडम कॉल कॉन्फ्रेंस पर बाते कर रहे थे। तभी महक मैडम ने मज़ाक मज़ाक में ये कह दिया कि तू प्रिंसिपल मेम को ही क्यों नहीं पटा लेता।अगर तू उनको पटा ले तो फिर अपने मज़े हो जाएंगे।फिर तू जब चाहे तब स्कूल में मेरी चूत मारना या गांड़ मै कभी मना नहीं करूंगी।
इतना कहकर महक और कल्पना मैडम हसने लगी।
मैं– यार यहां मेरे लन्ड की हालत खराब हो रही है और आप लोग हंस रही है।
कल्पना मैडम– तो रोहित महक मैडम सही तो कह रही है, पटा ले ना प्रिंसिपल मेम को।फिर हम खूब मज़े लेंगे।
मैं– ओह मैडम अब आप भी शुरू हो गई।
कल्पना मैडम– इसमें शुरू होने वाली क्या बात है।जो सही है हम वहीं तो कह रहे हैं। वैसे भी प्रिंसिपल मेम कोई कम माल नहीं है। एक बार तू उन पर नजर डालकर तो देख।अगर तेरा लंड खड़ा नहीं हो जाए तो कहना।
महक मैडम– कल्पना मैडम बिल्कुल सही कह रही है।
मैं–अब आप मुझे पागल मत बनाओ और चुदाई के लिए जगह का जुगाड करो।
कल्पना मैडम– चुदाई का जुगाड तो सिर्फ स्कूल में ही है। अब तू सोच ले तुझे क्या करना है।
मैं– अरे यार आप भी ना।
अब कल्पना और महक मैडम की बाते सुनकर मुझे रातभर नींद नहीं आई और मै प्रिंसिपल मेम को मेरे लन्ड के नीचे लाने के बारे में सोचने लगा।प्रिंसिपल मेम को चोदना मेरे लिए मधुमक्खी के छत्ते में हाथ डालने जैसा था। अगर थोड़ी सी भी बात बिगड़ी तो मेरा पूरा करियर खराब हो सकता था।लेकिन क्या करू लंड की प्यास बुझाने के लिए ये सब कुछ भी करना पड़ रहा था।
खैर सुबह मै स्कूल पहुंचा और फिर प्रिंसिपल मेम को ऊपर से लेकर नीचे तक अच्छी तरह से निहारा। मेम लगभग 45 साल की है। उन्होंने आज हरे रंग की साड़ी पहनी हुई थी। मेम के 34 साइज के बड़े बड़े बूब्स है जिनको उन्होंने साड़ी से अच्छी तरह से ढक रखा था। मतलब कोई भी चाहकर भी मेम के बूब्स के बीच दरार को भी नहीं देख सकता था। मेम की चिकनी कमर लगभग 32 की और उनकी गांड़ लगभग 34साइज की थी। जब वो क्लासों में इधर उधर घूम रही थी तो उनकी गांड बहुत ज्यादा हिल रही थी। मैं उनकी गांड़ को हवस भरी नजरो से देखने लगा। उनकी गांड़ की हलचल को देखकर मेरा लन्ड पेंट में हलचल करने लगा। मैडम की बाजुएं और कलाइयां बहुत ज्यादा गौरी चिकनी थी। उन्होंने हाथो में कंगन और कानों में झुमके पहन रखे थे।
मैडम के इस रूप को देखकर मेरा लन्ड हिचकोले खाने लगा। अब मैं प्रिंसिपल मेम को चोदने की ठान चुका था। आज दिन भर में क्लास में मेम को चोदने के बारे में सोचता रहा।फिर रास्ते में कल्पना मैडम को मैंने प्रिंसिपल मेम को चोदने की इच्छा जताई तो वो कहने लगी – लेकिन यार अगर कुछ गडबड हुई थी सब पकड़े जाएंगे।
मैं– अरे यार आप चिंता मत करो।पहले कोई प्लान तो बनाओ।
मैडम– ठीक है तो आज रात हम मेसेज कर प्लान के बारे में बात करेंगे।
मैं– ठीक है मैडम।
फिर रात में हम तीनो मेम की चुदाई का प्लान तैयार करने लगे।
कल्पना मैडम– महक मैडम आप कुछ प्लान बताओ ना।
महक मैडम– यार मुझे तो कुछ समझ में नहीं आ रहा है।
मैं– वो आपको तो कुछ समझ में आता ही नहीं है।
कल्पना मैडम– हां मुझे याद आया ,अगर कोई स्टूडेंट क्लास में ज्यादा शैतानी करता है तो प्रिंसिपल मेम उसे ऑफिस में बैठाकर पढ़ने के लिए कहती है।
मैं– अच्छा।
कल्पना मैडम– तू दो चार दिन तक शैतानी करके मेम के ऑफिस में बैठ जाना और मेम को घूरते रहना ताकि मेम समझ जाए कि तू उनकी चूत लेना चाहता है।
मैं– प्लान तो अच्छा है।
महक मैडम– हां ये प्लान अच्छा है।
कल्पना मैडम– जब मेम को लगने लग जाए कि तू उनकी चूत मारना चाहता है तो फिर मुझे बता देना।फिर मै कोई ना कोई बहाना बनाकर दो चार दिन एक्स्ट्रा क्लास नहीं लूंगी।
मैं– हां फिर आगे।
कल्पना मैडम– फिर मै मेम से बोल दूंगी कि रोहित इंग्लिश में बहुत ज्यादा कमजोर है। आप इसके 1 घंटे बाद घर भेजना।
मैं– अच्छा।
कल्पना मैडम– फिर 1 घंटे तक तुम और मेम पूरे स्कूल में अकेले होंगे। तब तू कुछ करके मेम को गर्म करके लंड लेने के लिए मना लेना।
मैं– मैडम आपका प्लान तो टॉप क्लास है।
महक मैडम– वाह कल्पना मैडम आप तो पूरी जानकार हो।
कल्पना मैडम– अब क्या करूं मज़े लेने के लिए सब कुछ करना पड़ रहा है।
महक मैडम– रोहित तू जल्दी से इस काम को शुरू कर दे। मेरी चूत तेरे लंड के लिए तड़प रही है।
मैं– आप कहो तो घर पर आकर पेल दू।
महक मैडम– नहीं, नहीं। स्कूल में ही पेल लेना। पहले प्रिंसिपल मेम को पेल दे।
मैं– ठीक है मै कल से मिशन पर लग जाता हूं।
कल्पना मैडम– ओके।
महक मैडम– जल्दी ही हमें खुश खबरी सुना देना।
मैं– हां बिल्कुल। तब तक आप चूत में उंगली डालती रहो।
अब मैं मेम को चोदने के सपने देखकर सो गया।सुबह स्कूल जाने के बाद मैंने क्लास में झगड़ा कर लिया और कल्पना मैडम ने मुझे तुरंत मेम के पास भेज दिया। प्रिंसिपल मेम ने मुझे प्रश्न उत्तर याद करने के लिए कहा। अब मैं प्रश्न उत्तर याद करने का नाटक करने लगा और पूरा ध्यान मैडम के भरे पूरे बदन पर रखने लगा। बीच बीच में मै लंड को मस्लता रहा ।मैडम चेयर पर बैठकर वर्क करती रही।2 घंटे तक ऑफिस बैठे रहने के बाद भी मुझे मेम के बड़े बड़े बूब्स की दरारे भी नहीं दिख पाई।फिर मेम ने लंच टाइम होते ही मुझे वापस क्लास में भेज दिया।
एक्सट्रा क्लास खत्म होने के बाद मैंने कल्पना मैडम को बताया कि आज तो मेम का कुछ नहीं देख पाया।
कल्पना मैडम– कोई बात नहीं ।कल फिर कोशिश करना ।
अब कल हिंदी में मैंने कुछ भी याद नहीं किया था तो हिंदी वाले सर ने मुझे प्रिंसिपल मेम के पास भेज दिया। मेम ने फिर आज प्रश्न उत्तर याद करने के लिए कह दिया।फिर मै प्रश्न उत्तर याद करने का नाटक करने लगा लेकिन मेरी नज़रे प्रिंसिपल मेम के कामुक जिस्म पर ही टिकी हुई थी।
कुछ देर बाद मेम चेयर पर से उठी और क्लास में जाकर वापस आई तो उनकी साडी का पल्लू थोड़ा सा नीचे सरक गया और मुझे आज पहली बार मेम के बड़े बड़े बूब्स के दर्शन हो गए।मेम ने झट से वापस पल्लू ठीक कर लिया।उनका ये नज़ारा देखकर मैंने लंड को मसल डाला। अब मैं सोचने लगा काश अगर ये बूब्स मुझे चूसने को मिल जाए तो मज़ा आ जाए।
फिर कल्पना मैडम का पीरियड आते ही मुझे मेम ने क्लास में भेज दिया। अब मेरा लन्ड हिचकोले खा रहा था। फिर छुट्टी होने के बाद जैसे ही सारे स्टूडेट्स बाहर निकले तो मैंने महक मैडम को रगड़ डाला और फटाफट उनकी चूत में लंड सरका दिया। तब जाकर मेरा लन्ड शांत हुआ।
आज फिर कल्पना मैडम को घर छोड़ते समय मैंने उनसे कहा– अब आप एक्स्ट्रा क्लास तीन चार दिनों के लिए बंद कर दीजिए। तब जाकर ही मेम मेरा लन्ड लेे पाएगी।
अब अगले दिन जैसे ही स्कूल की छुट्टी हुई तो कल्पना मैडम ने अर्जेंट वर्क का बाहना बनाकर तीन चार दिन के लिए एक्स्ट्रा क्लास से छुट्टी ले ली। अब मेडम ने कहा–मेम ये रोहित कुछ नहीं पढ़ता है।आप इसे यही ऑफिस में 1 घंटे के लिए रोकना।मेम हां कह दिया। अब सभी स्टूडेंट्स और स्टाफ घर जा चुका था। जाते जाते कल्पना मैडम मुझे स्माइल दे गई। अब पूरे स्कूल में हम दोनों अकेले ही थे।
दोस्तो जब कोई दो जिस्म कहीं अकेले हो तो लंड और चूत में हलचल तो ज़रूर होती ही है और जब किसी अनुभवी खिलाड़ी के सामने कोई नया खिलाड़ी हो तो उसे चुदाने की बहुत ज्यादा इच्छा होने लगती है। मेम मेरे सामने बैठी हुई थी और मैं चुपचाप होकर पढ़ने का ढोंग कर रहा था।मैडम के कामुक जिस्म को देख देखकर मेरा लन्ड पेंट में तम्बू बना रहा था।
तभी मैंने प्रिंसिपल मेम को छेड़ते हुए कहा– मेम ये शारीरिक सम्बन्ध का मतलब क्या होता है?
मेरा प्रश्न सुनते ही मैडम एकदम से चौंक गई । उनके चेहरे की भाव भंगिमाएं बदल गई।
मेम– चुपचाप पढ़ाई में ध्यान दे।
मैं– प्लीज मेम बताइए ना।
मेम– मुझे भी नहीं पता ये क्या होता है।
मैं– मेम आपको सब पता है,लेकिन आप बता नहीं रही है।
मेम– अरे जब एक लड़का और लड़की एक दूसरे से संबंध बनाते हैं तो उसे शारीरिक सम्बन्ध कहते है।
मैं– मेम मै कुछ समझा नहीं।
मेम–अब मैं तुझे कैसे समझाऊं?
मैं– अच्छे से बताओ ना मैडम।
मेम– देख, जब लड़के का मेन पार्ट लड़की के मेन पार्ट में जाता है तो उसे ही शारीरिक सम्बन्ध कहते है।
अब मैंने सोचा मैडम को अच्छी तरह से गरम कर देता हूं ताकि ये लंड चूत में लपक सके।
मैं– मेम लड़के का मेन पार्ट मतलब, लंड?
लंड का नाम सुनते ही मेम चौंक गई।फिर उन्होंने धीरे से कहा– हां।
मैं– अच्छा,और लड़की का मेन पार्ट मतलब चूत।
मेम– हां।
मैं–लेकिन मेम मुझे तो समझ में ही नहीं आता कि लड़का लंड चूत में कैसे अंदर डालता है। प्लीज आप अच्छे से बताओ ना।
मेम–जब वो सेक्स करते है तब डालता है।
मैं– सेक्स मतलब चुदाई?
मेम– हां।
मैं– तब तो फिर आपने भी चुदाई करवाई होगी।
मेरी बात सुनकर अब मेम झेंप गई। तभी उन्होंने टॉपिक बदल दिया।
मेम– बता तूने अब तक कितने उत्तर याद कर लिए।
मैं– मेम उत्तर तो याद कर लिए लेकिन पहले आप ये बताओ,ये चुदाई का क्या मतलब होता है क्यो करते है चुदाई?
मेम– अरे जब लड़का ,लड़की जवान होते हैं तो उनको इच्छा होने लग जाती है।
मैं– अच्छा, कैसे पता चलता है कि लड़के को चुदाई करने की इच्छा हो रही है?
मेम– क्यो तू नहीं जानता है क्या?
मैं– मै नहीं जानता हूं मेम तभी तो आपसे पूंछ रहा हूं?
मेम–जब लड़के का खड़ा होने लग जाता है तो समझ जाना चाहिए कि उसे चुदाई करने की इच्छा हो रही है।
मैं– अच्छा, तभी मै सोचु मेरा लन्ड रोज रोज क्यो खड़ा हो जाता है। अभी मेरा लन्ड खड़ा हो रहा है तो मेम इसका मतलब मुझे चुदाई करने की इच्छा हो रही है?
मेरी बात का मेम ने कोई जवाब नहीं दिया।वो चुपचाप वर्क करने लग गई। मैं समझ चुका था कि गर्म बाते करने से मेम की चूत में आग लग गई है।
मैं– बोलिए ना मेम?
मेम– हां।
मैं– लेकिन मेम मुझे तो कोई लड़की चूत देती ही नहीं तो फिर मै चुदाई कैसे करू?
मेम– अभी तू बच्चा है।जब बड़ा होगा तब सब समझ जाएगा।
मैं– मेम लेकिन मेरा लन्ड तो बार बार चूत चोदने के लिए तड़पता है। अब मैं कैसे क्या करू?
मेम– अब मैं क्या बताऊं?
तभी मेम चेयर पर से उठी और टॉयलेट जाने लगी। अब मैं समझ गया कि मेम की चूत ने पानी छोड़ दिया है। ये गर्म हो चुकी है।बस अब इन्हें लंड दिखाना है। तभी मै भी पीछे से टॉयलेट में घुस गया और टॉयलेट करने के बाद लंड को चैन में फसाने का नाटक करके ज़ोर ज़ोर से चिल्लाने लगा। तभी गर्ल्स टॉयलेट से जल्दी से मेम निकलकर मेरे टॉयलेट में आई।मेरा लन्ड बहुत ज्यादा कड़क होकर तना हुआ था।
मेम– क्या हुआ?
मैं– आईईईई मेम बहुत ज्यादा दर्द हो रहा है।
तभी मेम ने मेरी हेल्प करने के लिए एकाएक मेरे लंड को पकड़ लिया और उसे बाहर निकालने की कोशिश करने लगी। मेम के हाथो का नरम नरम स्पर्श पाकर मेर लंड को ठंडक पहुंची।
मैं– ओह मेम, बहुत दर्द हो रहा है।
मेम– ये कैसे हो गया?
मैं– मै तो चैन लगा रहा था मेम तभी अचानक से लंड इसमें फंस गया।
अब मेम आराम आराम से मेरा लन्ड बाहर निकाल रही थी।फिर थोड़ी ही देर में मेम ने मेरा लन्ड चेन में से बाहर निकाल दिया। अब मेम की नजरे मेरे बड़े मोटे लंड पर टिक गई।वो मेरे लंड को निहारने लगी।फिर उन्होने अपनी नज़रे मेरे लन्ड पर से हटाई और स्कूल का मेन गेट बंद कर आई और ऑफिस में आकर उनकी चेयर पर बैठ गई। मैं भी लंड को मसलता हुआ फिर से ऑफिस में बैठ गया। अब तक मैडम बहुत ज्यादा गर्म हो चुकी थी। इधर मेरा लन्ड अब मेम की चूत में घुसने के लिए तैयार हो चुका था।
अब मैंने हिम्मत करके मेरा लन्ड मेम के सामने ही बाहर निकाल लिया और उसे मसलने लगा।
मैं– ओह मेम, दर्द हो रहा है। कोई क्रीम हो तो लगा दो ना।
अब मेम ने मेरे लन्ड को देखकर नज़रे घूमा ली। अब मैं समझ चुका था मेम मेरा लन्ड चूत में ठुकाने के लिए तैयार है। तभी मै उठा और मेम के पीछे जाकर खड़ा हो गया।मेम तो चुपचाप चेयर पर बैठी ही थी। मेम ने कुछ नहीं कहा। अब मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैं साड़ी के पल्लू के ऊपर से ही मेम के बड़े बड़े चूचों पर हाथ फेरने लगा।
मैं– आह आह आह बहुत दर्द हो रहा है मेम।
मेम बिना कुछ कहे हुए रजिस्टर में लिखने का नाटक कर रही थी।मुझे मेम के नरम मुलायम चूचों पर हाथ फेरने में बहुत ज्यादा मज़ा आने लगा। तभी मैंने मेम के साडी के पल्लू को गिरा दिया और उन्हें मस्त चूचों को दबाना चालू कर दिया।मेम अभी भी लिखने का प्रयास कर रही थी। अब मैं मेम के चूचों को अच्छी तरह से मसलने लगा और उनकी गर्दन को चूमने लगा।
मैं– आह आह मज़ा आ रहा है मेम।क्या चूचे है आपके।