साली को चोद कर पत्नी का दर्जा दिया मेरा नाम अमरजीत है मैं हरियाणा के जींद का रहने वाला हूं, मेरा कैटरिंग का काम है और मेरा कैटरीन का काम काफी अच्छा चलता है इसीलिए मेरे काफी लोगों से अच्छे संपर्क हैं। एक दिन मैं घर पर ही था, उस दिन मेरी पत्नी मुझे कहने लगी की तुम कहीं अराधना के लिए कोई लड़का देख लो, तुम तो इतनी सारी शादियां करवाते हो तुम उसके लिए कोई लड़का देख लो। अराधना मेरी पत्नी की बहन है। मैंने अपनी पत्नी से कहा ठीक है मैं अराधना के लिए कोई अच्छा लड़का देखता हूं यदि मेरी नजर में कोई अच्छा लड़का मिलता है तो उससे आराधना की शादी करवा देंगे। मेरी पत्नी पारुल के घर वाले बहुत ही गरीब हैं, मेरी पारुल से मुलाकात 5 वर्ष पहले हुई थी और मुझे उस से प्रेम हो गया। मैंने जब पारुल को अपने दिल की बात कही तो वह भी मुझे मना नहीं कर पाई और उसने भी रिश्ते के लिए हां कह दिया।
मैं जब पारुल के घर उसका हाथ मांगने गया तो उसके पिताजी मुझसे कहने लगे कि तुम पहले अपने घर वालों को ले आओ, उसके बाद हम तुम्हारे घर वालों से ही बात करेंगे। उन्होंने जब पारुल से इस बारे में पूछा तो पारुल ने भी उस वक्त बहुत हिम्मत दिखाई और कहा कि हां मैं अजीत से प्रेम करती हूं। उसके बाद हम दोनों का रिश्ता हो गया और मैं पारुल के साथ बहुत ही खुश हूं क्योंकि मुझे शायद उसके जैसी पत्नी नहीं मिल पाती, पारुल मेरा बहुत ख्याल रखती है और हर एक छोटी छोटी चीजों को बहुत ही ध्यान रखती है। उसी बीच में मैंने अराधना के लिए एक लड़का देख लिया। जब मैंने अराधना को उस लड़के की तस्वीर दिखाई तो वह बहुत ही खुश हुई और कहने लगी कि जीजा जी यह तो दिखने में बहुत ही अच्छा है। मैंने उसे कहा कि यह बहुत अच्छा लड़का है, जब लड़के वाले अराधना को देखने आए तो वह लोग बहुत ही खुश हुए और उन लोगों ने अराधना और सुरेंद्र की शादी के लिए हां कह दिया। मैंने अपने ससुर जी से कहा कि लड़का बहुत अच्छा है, वह आराधना को बहुत खुश रखेगा।
उसके कुछ समय बाद ही उन दोनों की शादी हो गई, काफी समय तक तो वह लोग अच्छे से रहें लेकिन जैसे जैसे समय बीतता गया उन दोनों के बीच झगड़े शुरू होने लगे, इस बारे में मुझे पारुल ने बताया। मैंने उससे कहा कि कभी हमारे बीच भी झगड़े हो जाते हैं लेकिन इसका मतलब यह तो नहीं कि तुम अराधना के बीच में बोलने लगो, यदि तुम उनके बीच मे बोलोगी तो उसके पति को यह बात पूरी लग जाएगी इसलिए तुम इस बारे में सोचना छोड़ दो। मुझे उस वक्त लगा कि शायद छोटी बात होगी लेकिन एक दिन अराधना जब हमारे घर पर आई तो वह बहुत रो रही थी और मुझे उसे देख कर लगा कि वाकई में वह बहुत ज्यादा परेशान है। मैंने उसे पूछा कि क्या तुम्हारे पति और तुम्हारे बीच में रिलेशन अच्छे से नहीं चल रहा है, वह कहने लगी कि नहीं हम दोनों के बीच में बिल्कुल भी अच्छे से रिलेशन नहीं चल रहा क्योंकि मेरे पति मुझ पर बहुत ज्यादा शक करते हैं और जब मैं उन्हें इस बारे में कहती हूं तो वह मुझ पर हाथ भी उठा देते हैं, वह बहुत ही ज्यादा शराब पीते हैं और हमेशा ही शराब के नशे में घर आते हैं, मुझे इस बात से भी बहुत आपत्ति है। मैंने अराधना को समझाया और कहा कि क्या तुमने अपने पति से इस बारे में बात नहीं कि, वह कहने लगी कि मेरी हिम्मत ही नहीं होती क्योंकि मैं जब भी उनसे बात करती हूं तो वह मुझ पर बहुत गुस्सा हो जाते हैं, इस वजह से मैं उन्हें कुछ भी नहीं कह पाती। मेरी साली अराधना बहुत ज्यादा ही डरी हुई थी और मुझे भी ऐसा लगा कि वाकई में वह बहुत ज्यादा परेशान है। मैंने उसे कहा कि तुम हमारे घर पर ही रहो, मैं तुम्हारे पति से बात करता हूं। मैं जब अराधना के पति से बात करने के लिए अगले दिन उनके घर पर गया तो मैंने उसे समझाया लेकिन वह बिल्कुल भी समझने को तैयार नहीं था और कहने लगा कि इसमें अराधना की ही गलती है, अराधना एक चरित्रहीन लड़की है, मैंने उसे एक लड़के के साथ भी देखा। मैंने उसके पति से कहा कि क्या तुमने सच मे उसे किसी लड़की के साथ देखा है, वह कहने लगा हां मैंने उसे एक लड़के के साथ बात करते हुए देखा था इसीलिए मैं अराधना से बात नहीं करता। मुझे तो अराधना पर पूरा भरोसा था और जब उसके पति ने यह बात कही तो मुझे उस पर बहुत गुस्सा आ गया, मैंने भी उसे दो तीन थप्पड़ मार दिये जिससे कि उसने भी मुझ पर हाथ उठा दिया।
मुझे उसके बाद एहसास हुआ कि शायद मैंने गलत कर दिया, मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था परंतु अब यह गलती मुझसे हो चुकी थी इसलिए मैं अपनी गलती पर शर्मिंदा भी था। मैंने उसके पति से माफी भी मांगी लेकिन वह मुझे माफ करने को तैयार नहीं था। मुझे लगा कि शायद अब उसके घर पर रुकना उचित नहीं है, मैं अपने घर पर आ गया। पारुल मुझसे पूछने लगी कि क्या तुमने अराधना के पति से बात की, मैंने उसे कुछ भी जवाब नहीं दिया और मैं अपने कमरे में जाकर लेट गया। पारुल मेरे पास कमरे में आई और वह मुझसे पूछने लगी कि तुम मेरी बात का जवाब क्यों नहीं दे रहे हो, मैंने उसे कुछ भी नहीं कहा और मैं कमरे में ही लेटा हुआ था, मैंने उसे कहा कि तुम बाहर चली जाओ, मुझे कुछ देर अपने कमरे में ही लेटे रहने दो। मुझे चिंता हो रही थी कि कहीं मेरी वजह से अराधना का रिश्ता ना टूट जाए, मैं इसी चिंता में था। अराधना मेरे पास आकर बैठ गयी और पूछने लगी कि आप मुझे बताओ कि वहां पर क्या हुआ है, आप बहुत ही परेशान दिख रहे हो। मैंने अराधना से कहा की मैंने तुम्हारे पति के थप्पड़ मार दिया, जिससे कि वह मुझ पर बहुत गुस्सा हो गया और मुझे अब चिंता है की वह तुम्हे अपनायेगा भी या नहीं।
आराधना मेरी बात सुनकर थोड़ा उदास हो गयी लेकिन उसके बाद वह मुझे कहने लगी कि आपने बहुत अच्छा किया, उसे आपने बहुत अच्छा सबक सिखाया वह इसी के लायक है। मैंने अराधना से पूछा कि क्या तुम अपने पति से बिल्कुल भी बात नहीं करती, वह कहने लगी नहीं मैं अपने पति से बिल्कुल भी बात नहीं करती क्योंकि जिस प्रकार से वह मुझ पर शक करते हैं, मुझे बिल्कुल भी पसंद नहीं है। मेरा मूड अब थोड़ा ठीक हो गया और मैंने उसके बाद अराधना को भी समझाने की कोशिश की, वह कहने लगी की मुझे अब कोई भी फर्क नहीं पड़ता, मैं अब अपने लिए कोई छोटा मोटा काम ढूंढ लूंगी, मैं अब काम करूंगी। मैंने अराधना से कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करो, तुम मेरे साथ ही काम कर लेना क्योंकि मेरा कैटरिंग का काम अच्छा चलता है, इसलिए मुझे लगा कि शायद मैं अराधना को अपने ऑफिस में ही अपने काम पर रखूंगा। वह भी मेरी बात मान गई और कहने लगी कि मैं भी आपके साथ ही काम करूंगी और अब मैं अपने पति के साथ बिल्कुल भी नहीं रहना चाहती, मैं अपना जीवन आप खुद ही अपने तरीके से जीना चाहती हूं। अराधना मेरे साथ बैठी हुई थी, मैंने उसके अंदर पहली बार इतनी हिम्मत देखी क्योंकि उसका नेचर बिल्कुल भी इस प्रकार का नहीं है, वह ज्यादा किसी के साथ बात नहीं करती। मैंने अराधना को गले लगा लिया उसे कहा कि तुम बिल्कुल भी चिंता मत करना मैं तुम्हारे साथ हूं और अब मैं तुम्हें अपनाने को तैयार हूं। मैंने सोच लिया था कि अब मैं अराधना को अपना लूंगा और उसकी जरूरतों को मैं ही पूरा करूंगा। मैंने जब उससे बात की तो वह कहने लगी कि आज के बाद मैं आपके साथ ही रहूंगी। मैंने कहा ठीक है तुम मेरे साथ ही रहना। मैंने उस दिन अपने कमरे का दरवाजा बंद कर लिया और मैंने अराधना को नीचे लेटा दिया उसके सारे कपड़े मैंने खोल दिए। जब मैने उसके कपड़े उतारे तो उसका बदन देख कर मेरी आंखें फटी की फटी रह गई। मैंने उसके चूचो को चाटना शुरू कर दिया और मैंने काफी देर तक उसके चूचो का रसपान किया जिससे कि मुझे मजे आने लगे। वह मुझे कहने लगी आप मेरी फुदी फाड़ कर रख दो मैंने अपने आप को आपके आगे समर्पित कर दिया है।
जब मैंने अराधना की चूत पर अपने लंड को लगाया तो मुझे बहुत अच्छा महसूस होने लगा। उसकी योनि पूरी गीली होने लगी मैंने जैसे ही झटके से अपने लंड को अराधना कि योनि के अंदर डाला तो मेरा लंड अंदर चला गया। मैंने उसकी जांघों को कसकर पकड़ लिया और बडी तेज गति से उसे चोदने लगा। मुझे बहुत मजा आ रहा था जब मैं अराधाना को चोद रहा था वह मेरा पूरा साथ दे रही थी। अराधना कहने लगी मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है जब आपका मोटा लंड मेरी योनि के अंदर जा रहा है। अरधाना ने अपने पैरो को चौडा कर लिया मुझे भी मजा आने लगा मैंने कुछ देर ऐसे ही उसे चोदा। मैने उसे उल्टा लेटाया तो उसकी गांड मेरी आंखों के सामने थी। मैं उसके ऊपर से लेट गया और मैंने जैसे ही उसकी चूत के अंदर अपने लंड को डाला तो वह कहने लगी मुझे बहुत मजा आ रहा था और उसे भी बहुत मजा आ रहा था। वह कहने लगी कि मुझे बहुत ही खुशी हो रही है जिस प्रकार से आप मेरी फुदी को फाड़ रहे हैं। मेरी पत्नी पारूल ने दरवाजा खोल दिया और उसने हम दोनों को देख लिया लेकिन उसने कुछ नहीं कहा। उसने हम दोनों के रिश्ते को अपना लिया था और मैं बड़ी तेजी से उसे चोद रहा था। जब मेरा माल अराधना की योनि में गया तो उसे बहुत अच्छा महसूस हुआ और उसके बाद मैंने पारूल को भी बहुत अच्छे से चोदा। दोनों बहने मेरे साथ रहती हैं और मैं दोनों को ही बहुत चाहता हूं। यह मेरे जीवन की एक बहुत बड़ी सच्चाई है लेकिन अब मैंने इसे स्वीकार कर लिया है। पारुल और आराधना भी मेरे साथ बहुत खुश हैं उन दोनों को मुझसे कोई भी परेशानी नहीं होती और ना ही मुझे उन दोनों से किसी भी प्रकार की कभी भी कोई परेशानी हुई। हम लोग आपस में बहुत ही खुश हैं।