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Risk of corona virus getting close to partner

पार्टनर के करीब जाने से है कोरोना का खतरा? कोरोना वायरस से हर कोई परेशान है. इसका असर अब रिश्तों पर भी पड़ने लगा है. पार्टनर के साथ नजदीकियों को लेकर भी लोगों के मन में एक डर रहता है कि कहीं गलती से वो संक्रमण की चपेट में ना आ जाएं.

कोरोना वायरस की चपेट में कोई भी आसानी से आ जाता है. ऐसे में कई लोगों के मन में ये सवाल भी उठ रहे हैं कि कहीं लव मेकिंग से भी तो संक्रमण का खतरा नहीं बढ़ जाता. हालांकि WHO पहले ही कह चुका है कि कोरोना वायरस सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन नहीं है. एक्सपर्ट का भी कहना है अगर आप किसी के साथ पहले से ही रिलेशनशिप में हैं और उस शख्स के साथ एक तरह के ही माहौल में रह रहे हैं तो उस माहौल में किसी तरह का बदलाव नहीं होना चाहिए. हालांकि, अगर आप दोनों में से किसी को भी कोरोना के लक्षण दिख रहे हैं तो आपको दूरी बना लेनी चाहिए और अपने ही घर में आइसोलेशन में चले जाना चाहिए.

एक्सपर्ट का कहना है कि आप भले ही एक साथ क्यों ना रहते हों, कोरोना के लक्षण दिखने पर आपस में कम से कम दो मीटर की दूरी बनाए रखें. अगर आपमें कोरोना वायरस के हल्के लक्षण भी हैं और अगर आप अपने पार्टनर से कोई दूरी नहीं रखते हैं तो निश्चित रूप से आपका पार्टनर भी कोरोना से संक्रमित हो जाएगा.

एक्सपर्ट का ये भी कहना है कि इस समय नए लोगों से शारीरिक संबंध बनाने से बचना चाहिए क्योंकि इससे कोरोना का खतरा होने की संभावना बढ़ सकती है. अब ज्यादातर मामले ऐसे आ रहे हैं जिसमें लक्षण ना दिखने के बावजूद लोग संक्रमित पाए जा रहे हैं. ऐसे में इस समय पार्टनर चुनते समय बहुत सावधानी रखनी चाहिए. सिर्फ दूसरे लोग ही नहीं बल्कि आप भी इस बीमारी को दूसरों में फैला सकते हैं. नजदीकी संपर्क और किस करने से यह और लोगों तक भी जा सकता है.

डॉक्टर्स का कहना है कि अगर आपने किसी को किस किया है या आप किसी ऐसे व्यक्ति के संपर्क में आए हैं जिसमें अब कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो अपने आप को तुरंत आइसोलेट कर लें और अपने लक्षणों को भी बारीकी से देखें. अगर आपमें कोरोना के कोई भी लक्षण दिखाई देते हैं तो सतर्क हो जाइए. अगर आपके लक्षण गंभीर हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और अपना टेस्ट कराएं.

वहीं हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि आपको कोरोना होगा या नहीं ये तीन चीजों पर निर्भर करता है. पहला, आप पीड़ित व्यक्ति के कितना नजदीक जाते हैं. दूसरा, क्या पीड़ित व्यक्ति के खांसते या छींकते वक्त उसके ड्रॉपलेट्स आप पर गिरे हैं और तीसरा की आप हाइजीन का कितना ज्यादा ख्याल रख रहे हैं.

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