एक बार मैं बस से दिल्ली से अजमेर जा रहा था। मैंने डीलक्स बस में ऊपर केबिन की टिकट ली और कश्मीरी गेट से बैठ गया।
मैं आराम से लेटा हुआ था.
तभी बस धौलाकुआं में रूकी और कुछ सवारी बस में आ गई.
रात के 11:30 का टाइम हो चुका था।
थोड़ी देर बाद मेरे केबिन में खट-खट की आवाज आई.
मैंने केबिन खोला तो कंडक्टर था।
उसे मैंने टिकट दिखाया, उसने बिसलेरी की बोतल और कंबल दिया।
थोड़ी देर बाद फिर खट-खट हुई. मैंने देखा तो कंडक्टर के साथ एक लड़की थी।
कंडक्टर बोला- भाई, आपका केबिन बड़ा है और बस में सीट खाली नहीं है, मैडम को भी अजमेर जाना है।
तभी वो लड़की बोली- मैं पुलिस में हूं. मुझे अर्जेंट काम आ गया है प्लीज़!
वो पुलिस की ड्रेस में ही थी।
मैंने कहा- ठीक है! लेकिन आपको तो कोई प्रोब्लम तो नहीं होगी ना मेरे साथ?
वो बोली- नहीं, कोई बात नहीं! हम मिल कर सफर तय कर लेंगे.
जैसा कि मैं रात के सफर में बनियान और अंडरवियर नहीं पहनता हूं। मैं हाफ लोवर टी-शर्ट में था।
वो ऊपर आ गई और हमने केबिन बंद कर दिया।
उसने अपना नाम रजनी चौधरी बताया, मैंने राज शर्मा!
फिर हम बात करने लगे.
उसने बताया कि उसकी उम्र 30 साल है, उसके पति भी पुलिस में हैं।
अब मैं डर गया और सोचा इसके साथ रिस्क लेने में दिक्कत आ सकती है।
मैं चुपचाप करवट लेकर सो गया.
हमारे पास एक ही कंबल था तो वो भी पीठ मेरी साइड करके लेट गई।
थोड़ी देर बाद मैंने केबिन में खट-पट महसूस की. शायद रजनी कपड़े बदल रही थी।
अंधेरे में कुछ पता नहीं चला में चुपचाप लेटा रहा.
लेकिन अब मेरी नींद जा चुकी थी.
मैंने नींद का बहाना बनाकर करवट बदली और अपना पैर उसके ऊपर रखकर लेट गया।
थोड़ी देर बाद उसने भी करवट बदल ली और मुझसे लिपट गई वो शायद नींद में थी।
अब मेरे शरीर में करंट दौड़ने लगा लेकिन मैं डर के कारण चुपचाप लेटा रहा।
बस अपनी पूरी गति में दौड़ रही थी.
उसकी चूचियां दब रही थी और मैक्सी ऊपर आ चुकी थी।
अब मेरे शरीर में जैसे कम्पकपी छूट रही थी।
मैंने धीरे से आवाज दी- मैडम मैडम!
वो गहरी नींद में थी।
तभी बस में जोर का धक्का लगा और मैं उसके ऊपर आ गया।
वो हड़बड़ा गई बोली- क्या हुआ?
मैंने उसे बताया- एकदम से ब्रेक लगा है।
फिर मैंने करवट बदल ली और लेट गया. उसके नंगे पैर मेरे पैरों पर धीरे धीरे रगड़ रहे थे।
मैं सीधा लेट गया तभी उसने करवट ली.
मैंने धीरे से उसकी मैक्सी ऊपर कर दी।
अब मैंने थोड़ी सी हिम्मत करके नींद का बहाना बनाकर अपना हाथ उसकी गान्ड पर रखा तो मेरे होश उड़ गए।
उसने पैंटी नहीं पहनी थी.
अब मेरी हिम्मत बढ़ गई और मैंने अपना हाथ चलाना शुरू कर दिया।
वो कुछ नहीं बोली तो फिर मैंने उसके बूब्स सहलाने शुरू कर दिया।
अब मैंने अपना लोवर उतार दिया और उसकी गान्ड को दबाने लगा।
वो भी गर्म होने लगी थी.
मैंने धीरे से उसकी चूत को उंगली से खोल दिया।
वो कुछ नहीं बोली तो मैंने उंगली अंदर बाहर करना शुरू कर दिया और उसकी चूचियों को मसलने लगा.
अब वो जाग चुकी थी आहह आहह आहह आहह की आवाज निकालने लगी।
मैंने देर न करते हुए उसकी मैक्सी में हाथ डालकर चूचियों को पकड़ लिया और दबाने लगा.
वो बोली- राज, तेरा लौड़ा कहां है?
मैंने उसके हाथ में पकड़ा दिया।
उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और उसकी चूचियां टाइट हो गई।
अब मैंने उसकी मैक्सी उतार दी और उसे लंड पर झुका दिया. वो गपागप गपागप चूसने लगी.
वो तो लंड को बिल्कुल रंडी के जैसे चूसने लगी थी।
फिर वो बोली- राज, तुम आज पुलिस वाली को चोदोगे.
मैंने कहा- जैसा आप बोलो।
उसने लंड को चूस कर मस्त कर दिया.
मैंने उसे लेटाया और उसकी टांग को अपने कंधे पर रख दिया और झटके से लंड घुसा दिया.
वो ऊईई ऊईई ऊईई आहह आहह करके चिल्लाने लगी.
मैंने उसके मुंह में हाथ रख दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा.
वो छटपटाने लगी.
मैंने लंड को तेज़ तेज़ अंदर बाहर करना शुरू कर दिया।
थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हो गया और वो भी नीचे से गांड उठा उठा कर लेने लगी।
अब दोनों खुलकर चुदाई का मज़ा लेने लगे।
उसने मुझे बताया कि वो पहले भी बस में चुदाई करवा चुकी है।
मैंने अपने लौड़े की रफ्तार तेज कर दी.
‘आहह उह ओहह उम्मह आहह करके वो लंड ले रही थी।
केबिन में इतनी जगह तो नहीं थी फिर भी मैंने उसे उठाकर घोड़ी बना दिया और उसकी चूत में लन्ड घुसा दिया और तेज़ तेज़ झटके मारने लगा.
अब वो गांड आगे पीछे करके लंड लेने लगी। मैं उसके बूब्स दबाने लगा और वो खुद लंड पर गांड चलाने लगी।
मैंने उससे पूछा- क्या तुम्हारे पति नहीं चोदता?
वो बोली- चोदता है लेकिन मेरी आदत हो गई नये नये लंड लेने की!
अब मैं उसे और तेज़ तेज़ झटकों से चोदने लगा मैं समझ गया कि इसको जमकर चोदना पड़ेगा।
मैंने उसे लंड मैं बैठ कर चुदवाने को कहा. वो राजी हो गई और पहले लंड को चूस कर गीला कर दिया और चूत रखकर बैठ गई और उछलने लगी.
वो खिलाड़ी थी और आहह आहह आहह करके करके मस्त होकर अपनी चूत से लंड को चोद रही थी।
उसने बताया कि वो थानेदार और दूसरे पुलिस वालों से भी चुदवाती है।
अब मैं और जोश में आ गया और बोला- ले मेरा ले!
वो बोली- राज, तुम मस्त चोदते हो. मैं रंडी हूं. और तेज़ तेज़ चोदो मुझे आहह आहह आहह और तेज़ … फक मी फास्ट ओहह ओहह!
मैंने उसे लिटा दिया और ऊपर आकर चोदने लगा.
अब मैंने अपने लौड़े की रफ्तार बढ़ा दी और झटके मारने लगा.
उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया लेकिन मैं चोदता रहा. फच्च फच्च फच्च फच्च फच्च की आवाज आने लगी अब मैं लंड और जल्दी जल्दी अंदर बाहर करने लगा।
उसने बताया कि ट्रेनिंग में उसको अफसर चोदने लगा था तभी से उसकी आदत हो गई।
अब मेरे लौड़े की रफ्तार बढ़ने लगी और झटकों पे झटके लगाने लगा।
वो समझ गई उसने अपनी चूत का कसाव बढ़ा दिया अब लंड में जोर पड़ने लगा।
मेरे लौड़े ने वीर्य की पिचकारी छोड़ दी उसकी चूत में भर गया और दोनों चिपक कर लेट गए।
उसने पूछा- तुम किस किसको चोद चुके हो?
मैंने बताया- रेखा आंटी, बुआ और सुमन!
वो बोली- राज, तुम मस्त चोदते हो तेरे लौड़े में दम है। पिछले बार एक मिला था; वो 5 मिनट में ही झड़ गया था और पूरी रात खराब कर दी थी।
फिर थोड़ी देर बाद दोनों किस करने लगे और धीरे धीरे गर्म हो गए. दोनों 69 की पोजीशन में आ गए और चूत लंड चूसने लगे।
रजनी ने लंड को तैयार कर दिया और मैंने उसकी चूत में लन्ड घुसा दिया और झटके पे झटके लगाने लगा.
‘आहह आहह आहह राज फक मी फक मी फास्ट ओहह आहह और तेज़!’
मैंने लंड की रफ्तार बढ़ा दी तेज़ तेज़ चोदने लगा उसकी चूचियां दबाने लगा।
अब वो भी गांड आगे पीछे करने लगी मैंने लंड को अंदर तक पेलना शुरू कर दिया।
हम दोनों की सिसकारियां निकलने लगी; आहह आहह आहह आहह ऊईई ऊईई की आवाज केबिन में होने लगी।
मैंने उसे लिटा दिया उसकी टांगों को चौड़ा किया और लंड घुसा दिया और उसकी टांगों को हवा में करके चोदने लगा.
अब उसकी आहह आहह आहह की आवाज तेज होने लगी मैंने उसके होंठों पर होंठ रख दिए और झटके मारने लगा।
तो उसकी आवाज बंद हो गई थी और उम्म उम्म करके लंड लेने लगी थी।
वो भी साथ देने लगी और मेरी पीठ पर नाखून गड़ाने लगी मैं जोश में आ गया और तेज़ी से अंदर-बाहर करने लगा।
उसकी पकड़ तेज़ हो गई और आहह की तेज आवाज के साथ पानी छोड़ दिया।
अब लंड और आसानी से अंदर बाहर होने लगा।
वो बोली- राज अब निकाल दो अपना!
मैंने कहा- रंडी ले मेरा!
और अंदर तक घुसा दिया. मैं उसे अब तेज तेज झटकों से चोदने लगा और झटकों पे झटके लगाने लगा.
अब मेरे लौड़े पर भी अकड़ बढ़ गई और झटके के साथ ही वीर्य निकाल गया और रजनी की चूत में भर गया और उसके ऊपर लेट गया।
पता नहीं चला कब दोनों को नींद आ गई।
सुबह 5 बजे नींद खुली तो बस ढाबे में खड़ी थी।
उसने बताया कि 40 मिनट रूकती है फिर सीधा अजमेर!
वो मैक्सी पहनने लगी मैंने पकड़ लिया और मैक्सी रख दी.
मैं उसकी चूचियां को चूसने लगा.
वो भी गर्म हो गई और लंड को सहलाने लगी. जल्दी हम 69 की पोजीशन में आ गए और चूसने लगे.
उसको नीचे लिटा कर ऊपर आकर लंड घुसा दिया. अब उसकी चूत खुल गई थी तो दर्द कम होने लगा था.
मैंने अपने लौड़े की रफ्तार बढ़ा दी और तेज़ी से चोदने लगा अब वो भी साथ देकर आहह आहह चोदो मुझे … ले लो मेरी … आहह आहह चोदो … चोदो मुझे … आहह करके लंड लेने लगी थी.
अब धीरे धीरे उजाला बढ़ने लगा तो मेरी नज़र उसकी गान्ड पर गई
मैंने लंड निकाल लिया और उसकी गान्ड में थूक लगाया और उंगली घुसा दी.
वो उईई सीईई आहह ऊईई करने लगी.
मैंने उसकी गान्ड का छेद ढीला कर दिया और उसके मुंह में लंड डालकर चोदने लगा उसने गीला कर दिया.
उसकी कमर पकड़कर मैंने एक हाथ मुंह में लगाकर जोर का धक्का लगाया.
मेरा पूरा लौड़ा अन्दर घुस गया.
वो मचलने लगी.
मैंने तेज़ी से लंड को अंदर बाहर करना शुरू कर दिया.
थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ तो मैंने उसे छोड़ दिया.
अब वो गांड चलाने लगी, बोली- राज चोदो मुझे … फ़ाड़ दे मेरी … आहह ऊईई ऊईई आहह!
मैं भी जोश में था और अब तेज़ तेज़ झटकों से उसकी सिसकारी बढ़ने लगी।
अब थप थप थप की आवाज तेज हो गई।
उसने बताया कि उसके पति को भी गांड में चोदना पसंद है. और मैं दूसरा हूं जिसने उसकी गांड में लंड घुसाया है.
मैं भी खुश था कि आज पुलिस वाली को चोद रहा हूं.
मैंने अपने लौड़े को और तेज़ी से अंदर-बाहर करना शुरू कर दिया.
आहह आहह आहह ऊईई करते हुए वो लंड ले रही थी।
अब मैंने उसे लिटा दिया और उसकी चूत में लन्ड घुसा दिया और चोदने लगा. अब दोनों ही सिसकारियां निकालने लगे थे।
उसने बताया कि आज का सफ़र मजेदार रहा!
मैंने कहा- हां!
वो बोली- राज, तुम शुरू में बहुत डर रहे थे, तुमने बहुत समय बर्बाद किया।
मैं अब अपनी पूरी रफ्तार से चोदने लगा और उसकी चूत में अंदर तक घुसा दिया.
उसकी आहह आहह की आवाज तेज हो गई और उसने मुझे कसकर पकड़ लिया.
मैं भी तेज़ तेज़ झटके लगाने लगा.
हम दोनों की आहह आहह आहह के साथ पानी छोड़ दिया और चिपक कर लेट गए।
मैंने उसे बताया कि मैं पहले कभी पुलिस वाली को नहीं चोदा इसलिए डर रहा था।
फिर वो बोली कि उसने पहले से कंडक्टर से पूछा तो कंडक्टर ने बताया कि ये लड़का आपके लिए ठीक रहेगा।
मैं समझ गया कि ये सब उसकी चाल थी.
लेकिन मैं भी खुश था कि मेरा सफ़र भी रंगीन हो गया।
फिर उसने मेरे सामने ब्रा पैंटी और अपनी ड्रेस पहनी. मैंने भी अपने कपड़े पहने और दोनों चिपक कर लेट गए और किस करने लगे।
उसने बताया कि उसको 5 दिन बाद दिल्ली निकलना है।
मैंने कहा- अपना नं दो!
वो बोली- राज देखो, आज की बात को भूल जाना. और किस्मत होगी तो फिर इसी बस में मिलेंगे।
थोड़ी देर बाद वो नीचे उतर गई और मैं लेटा रहा.
फिर दो दिन बाद में दिल्ली आ गया आते समय रास्ते भर पुलिस वाली रजनी को याद किया और दो बार मुट्ठी मारी.
उसके बाद हम नहीं मिले लेकिन आज भी पुलिस सेक्स वाली की याद आती है तो लंड खड़ा हो जाता है।