यह स्टोरी मेरी और मेरी एक भाभी के बीच की है, उनका नाम अनुपमा है, उनकी उम्र 28 साल है। फेयर कलर, हाईट 5 फुट 3 इंच, फिगर साईज 34-25-36 है। अगर एक तरफ उनकी चूचीयाँ क़यामत थी, तो दूसरी तरफ उनकी गांड किसी को भी ललचाने पर मजबूर कर सकती थी। जवान भाभी को नहाते देख हस्तमैथुन किया मैंने.
फिर भला में क्या चीज था? जो उनके जादू से बच पाता। अब में बस किसी चान्स की तलाश में था। बस फिर जैसे ही मुझे मौक़ा मिला तो मैंने ना सिर्फ़ भाभी को चोद दिया, बल्कि चुदाई का एक ना ख़त्म होने वाला सिलसिला शुरू कर दिया।
अब में भाभी को कई बार कपड़े बदलते हुए या नहाते हुए देख चुका था, लेकिन भाभी की तरफ पहल करते हुए मेरी जान जाती थी। मगर फिर भाभी को रिझाने के लिए एक तरकीब मेरी समझ में आई। भैया अक्सर घर पर नहीं होते थे, वो एक कंपनी में है और अक्सर टूर पर बाहर जाते रहते है
अब जब भैया घर नहीं होते थे तो में अक्सर अपने कमरे में सेक्सी सी.डी के कवर्स या सेक्सी मैगजीन टेबल पर रख देता था। फिर जब भाभी मुझे जगाने के लिए आती तो उन्हें वो मैगजीन नजर आती थी। फिर एक दिन जब मेरी आँख खुली तो मैंने भाभी को एक सेक्सी मैगज़ीन देखते हुए देखा। तब भाभी ने मुझे देखा तो कहा तो कुछ नहीं और मुस्कुराती हुई चली गयी। फिर उसके बाद से भाभी मुझसे करीब से करीब होती चली गयी।
अब मेरे रूम में आते वक्त अक्सर उनका दुप्पटा उनके सीने पर नहीं होता था और कभी उनकी कमीज का गला काफ़ी खुला होता था और वो मेरे सामने काफ़ी झुक जाती थी, जिससे मुझे उनके बूब्स साफ- साफ दिखाई देते थे। वो कभी-कभी मेरे ज़्यादा करीब बैठने की भी कोशिश करती थी और अपना जिस्म मेरी बॉडी से टच करने की कोशिश करती थी.
और कभी-कभी पीछे से मेरे इतनी करीब आ जाती थी कि उनके बूब्स मेरी पीठ पर लगते थे। में भाभी की बेचैनी को समझता था, लेकिन में चाहता था कि भाभी खुद कोई कदम उठाए। फिर आख़िर वो दिन आ ही गया। भैया अपने टूर पर गये थे। अब में सुबह उठकर नहाने की तैयारी कर रहा था। अब मैंने अपने कपड़े उतारकर एक टावल लपेट रखा था, जिससे मेरा लंड बाहर निकल रहा था।
फिर भाभी किसी काम से मेरे रूम में आई, तो पहले मेरे लंड ने उन्हें सलामी दी, तो मैंने घबराकर अपने लंड को टावल में छुपाने की कोशिश की। तभी भाभी ने किसी बहाने से अपने हाथ में पकड़े हुए कपड़े गिरा दिए और उन्हें उठाने के लिए झुकी तो वो ना सिर्फ़ अपनी गांड मेरे लंड से रगड़ती हुई ले गयी बल्कि अपनी गांड से मेरे लंड को थोड़ा सा प्रेस भी कर दिया था।
अब मेरे तो तन बदन में एक करंट सा दौड़ गया था। फिर मैंने मौक़ा मुनासिब समझते हुए भाभी को पीछे से पकड़ लिया और उन्हें किस करने लगा था। फिर मैंने बोला कि हम तो कब से इसी इंतज़ार में थे कि मौक़ा मिले और भाभी की चुदाई करे।
फिर पहले तो भाभी ने कुछ नहीं कहा और फिर अपने आपको छुड़ाते हुए कहा कि क्यों इतने बेताब हो रहे हो? थोड़ा इंतज़ार करो। में अभी आती हूँ, फिर जो जी चाहे कर लेना और सेक्सी स्माइल देती हुई रूम से चली गयी। मगर अब मुझसे कहाँ इंतज़ार होता? तो में भी भाभी के पीछे-पीछे उनके रूम में आ गया और उनको पीछे से पकड़ लिया।
फिर तब भाभी मुस्कुराते हुए बोली कि अब तो बड़ा जोश दिखा रहे हो, इससे पहले तो बुद्धू बने हुए थे, आख़िर मुझे ही कुछ करना पड़ा। अब में भाभी के बूब्स को उनकी कमीज के ऊपर से ही सहला रहा था। फिर जब मैंने उनकी कमीज उतारनी चाही तो उन्होंने मुझे रोक दिया और कहा कि थोड़ा सब्र करो, अपने रूम में जाओ और नहा धोकर फ्रेश हो जाओ, में अभी 1 घंटे में आती हूँ।
फिर में लाचार अपने रूम में आ गया और सोचने लगा कि क्या आज वाक़ई में वो खुशक़िस्मत दिन है? जिसका में इंतज़ार कर रहा था। फिर 1 घंटे के बाद भाभी मेरे रूम में आई। तो में उन्हें देखकर हैरान रह गया, उन्होंने कॉटन का वाईट सूट पहना हुआ था और हल्का-हल्का मेकअप किया हुआ था और मदहोश कर देने वेल पर्फ्यूम से उनका जिस्म महक रहा था, भाभी बड़ी सेक्सी लग रही थी।
फिर वो मेरे करीब आई और मेरे गले में अपनी बाहें डालकर मुझे अपनी तरफ खींचा। अब में उनके बूब्स को अपनी छाती पर महसूस कर रहा था। फिर उन्होंने मेरे लिप्स पर किस किया, तो मेरे पूरे जिस्म में एक करंट सा दौड़ गया। फिर मैंने अपने हाथ उनकी गांड पर फैरने शुरू किए और फिर क़रीब 10 मिनट तक हमारी किसिंग जारी रही।
अब मेरा लंड मेरे बस में नहीं था। फिर मैंने भाभी की कमीज उतारनी चाही। उन्होंने कहा कि इतनी भी क्या जल्दी है? सब्र करो, फिर तुम वो सब कुछ देख सकोंगे जिसकी चाहत में कितनी ही बार हस्तमैथुन कर चुके हो, में सब जानती हूँ कि तुम मुझे देख देखकर हस्तमैथुन करते रहे हो।
फिर उन्होंने अपनी कमीज बड़े ही सेक्सी और स्टाइलिश तरीके से उतारी, उनके रसभरे बूब्स ब्लेक ब्रा में क़ैद थे। अब में यह देखकर हैरान रह गया था कि उनकी सलवार में नाड़े की जगह इलास्टिक थी। फिर उन्होंने अपनी सलवार पीछे से थोड़ी सी सरकाई और बेड पर लेट गयी और अपनी दोनों टाँगे उठाकर सेक्सी तरीके से अपनी सलवार भी उतार दी और फिर उठकर थिरकते हुए अपनी ब्रा भी उतार दी।
अब भाभी मेरे सामने बड़े सेक्सी पोज में बिल्कुल नंगी खड़ी थी। वो हमेशा से ज़्यादा सेक्सी और खूबसूरत लग रही थी, हालाँकि मैंने कई बार उन्हें नंगा देखा था। फिर उन्होंने मुझसे पूछा कि में कैसी लग रही हूँ? मेरे बूब्स कैसे है? मेरी गांड कैसी लग रही है? मैंने कई बार तुम्हें अपने बूब्स और गांड को घूरते हुए देखा है, में तो बहुत पहले ही समझ गयी थी कि तुम्हारी नियत मेरे बारे में ठीक नहीं है।
अब जिस वक़्त वो यह बातें कर रही थी तो वो लगातार अपने बूब्स सहला रही थी। हालाँकि मैंने कई सेक्सी मूवी देखी थी और में कई लेडीस को चोद चुका था, लेकिन भाभी को इस तरह देखना मेरे लिए एक नया अनुभव था। भाभी के बूब्स काफ़ी बड़े-बड़े और गोल-गोल थे।
फिर भाभी मेरे करीब आई और मेरी टी-शर्ट उतार दी और मेरी जीन्स के ऊपर से ही मेरे लंड पर अपना एक हाथ फैरने लगी थी। फिर उन्होंने मेरी जीन्स भी उतार दी और अपने नर्म मुलायम हाथों में मेरा सख़्त लंड थाम लिया।
फिर मैंने उन्हें अपनी बाँहों में भर लिया और उनके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए और फिर थोड़ी देर के बाद मैंने उनके बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। अब में उनका एक बूब्स चूस रहा था तो दूसरे बूब्स को अपने हाथों से सहला रहा था। अब भाभी मेरे बालों में अपना हाथ फैर रही थी। अब उनके मुँह से आह, ऊऊहह जैसी सेक्सी आवाजें निकल रही थी।
फिर मैंने भाभी के बूब्स को दबाते हुए कहा कि भाभी आपके बूब्स बड़े ही शानदार और रसीले है, आपकी निपल्स तो बड़ी ही सख़्त, मजेदार और मीठी है। तो तभी भाभी ने मुझे सेक्सी स्टाइल से देखा और अपनी आँखें बंद कर ली। भाभी उस वक़्त फुल हॉट और सेक्सी हो रही थी। अब में अपनी जीभ भाभी के बूब्स पर से हटाकर उनके नर्म और गुदाज पेट पर फैरने लगा था और अब भाभी की जांघे मेरी पहुँच में थी।
फिर मैंने उनकी दोनों टांगे फैलाकर उनकी चूत में अपनी एक उंगली डाल दी, उनकी चूत गीली हो रही थी। फिर उन्होंने मुझे अपनी चूत चाटने के लिए कहा और बोली कि आज तक किसी ने मेरी चूत नहीं चाटी है, तुम्हारे भैया अपना लंड तो चुसवा लेते है, लेकिन उन्होंने आज तक मेरी चूत नहीं चाटी है, प्लीज मेरी चूत चाटो ना।
तब मैंने कहा कि क्यों नहीं मेरी प्यारी भाभी? में आज आपकी ऐसी चूत चाटूंगा कि आप सारी ज़िंदगी याद रखोगी। फिर में उनकी गुलाबी चूत के होंठ खोलकर उन पर अपनी जीभ फैरने लगा। अब मेरी खुरदरी जीभ जब उनके क्लिट से टकरा रही थी। उनके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी थी। अब में उनकी चूत में अपनी जीभ अंदर बाहर करने लगा था।
अब भाभी की चूत से लेसदार नमकीन शहद टपकने लगा था। फिर मैंने उनका सारा नमकीन शहद पी लिया और अपनी जीभ से भाभी को चोदता रहा। अब भाभी मदहोशी में अपना सिर तकिए पर इधर उधर पटक रही थी और प्लीज उउफ्फ और करो, तेज़ी से प्लीज, एयए, उउउफफफफ्फ, हाईई जान यह तुमने कैसा जादू कर दिया है? मेरी चूत में आग सी लग गयी है, आहह, हाईईईई, में मर गयी माँ, मेरी जान, आह, प्लीज, जल्दी करो, तेज-तेज और फिर आख़िर में भाभी बिल्कुल खल्लास हो गयी। “जवान भाभी को नहाते”
अब उनकी चूत ने बहुर सारा नमकीन रस छोड़ दिया था, जो मैंने सारा पी लिया था। फिर जब भाभी कुछ होश में आईं तो वो उठी और मुझे गले लगाया और किस करके कहने लगी कि तुमने तो अपना काम कर दिया, अब देखो में क्या करती हूँ? और फिर भाभी ने मेरे लंड की टोपी पर अपनी जीभ फैरनी शुरू की और फिर धीरे-धीरे मेरा पूरा लंड अपने मुँह में ले लिया और लॉलीपोप की तरह चूसने लगी थी।
अब भाभी बहुत अच्छे से मेरा लंड चूस रही थी। अब में तो उस वक़्त मज़े और इन्जॉयमेंट की ऊँचाइयों पर था। फिर भाभी ने पहले आहिस्ता और फिर तेज़ी से मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया और फिर आख़िर में जब में झड़ने पर आया तो मैंने अपना लंड उनके मुँह से निकालना चाहा।
तो उन्होंने इशारे से कहा कि मेरे मुँह में ही निकालो तो मैंने अपना पूरा वीर्य उनके हलक में ही डाल दिया। अब वो भी एक बूँद बेकार किए बगैर मेरा सारा पी गयी थी और फिर से मेरा लंड चूसना शुरू कर दिया। तो थोड़ी देर में ही मेरा लंड तनकर फिर से खड़ा हो गया था।
फिर भाभी ने कहा कि चलो असली मज़ा तो अब होगा और फिर वो बेड पर लेट गयी और अपनी दोनों टांगे ऊपर उठा दी, जिससे उनकी चूत ऊपर की तरफ उठ आई थी। फिर में उनके ऊपर लेट गया और फिर भाभी ने मेरा लंड अपनी चूत पर रखा तो मैंने एक स्लो पुश के साथ अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया, क्योंकि उनकी चूत पहले ही गीली हो रही थी, इसलिए मेरा पूरा लंड बड़ी आसानी से उनकी चूत में चला गया था। “जवान भाभी को नहाते”
फिर पहले तो में भाभी को आहिस्ता आहिस्ता चोदता रहा और फिर मैंने अपनी स्पीड तेज कर दी और भाभी को सख्ती से चोदने लगा था। अब भाभी चुदाई का पूरा मज़ा ले रही थी और उउउफ्फ, हाईईईई और तेज, जल्दी, प्लीज, तेज, उफफफ्फ, ऊऊहह की आवाजे निकाल रही थी।
अब उनके बूब्स हर झटके के साथ हिल रहे थे, जो एक हसीन और दिलकश नज़ारा था। फिर थोड़ी देर तक इसी पोज़िशन में चोदने के बाद मैंने भाभी को घोड़ी बनाया, तो उनकी खूबसूरत और चौड़ी गांड ऊपर की तरफ उठ आई और उनके बूब्स किसी आम की तरह लटकने लगे थे।
फिर मैंने भाभी की गांड पर अपना एक हाथ फैरते हुए अपना लंड उनकी चूत में डाल दिया और उनके बूब्स पकड़कर ज़ोर-ज़ोर से झटके लगाने लगा था। अब में भाभी को जी जान से चोद रहा था और भाभी भी चुदाई में मेरा भरपूर साथ दे रही थी। फिर काफ़ी देर तक चोदने के बाद भाभी ठंडी पड़ गयी थी।
अब में भी अपने क्लाइमैक्स पर था, तो तब मैंने भाभी से कहा कि में झड़ने वाला हूँ। तो तब उन्होंने कहा कि कोई बात नहीं, तुम मेरे अंदर ही निकाल दो। तब मेरे लंड से वीर्य का फव्वारा निकला और भाभी की चूत मेरे वीर्य से भर गयी। अब में भी थककर भाभी के ऊपर लेट गया था।
फिर थोड़ी देर के बाद मैंने अपना लंड भाभी की चूत में से बाहर निकाला, जो मेरे वीर्य और भाभी के जूस से भरा हुआ था। फिर भाभी ने फिर से मेरे लंड को चाटना शुरू कर दिया और उसे चाटकर बिल्कुल साफ कर दिया था। फिर हम दोनों बाथरूम में गये और बाथ लिया और फिर मैंने बाथरूम में भी भाभी को चोदा। “जवान भाभी को नहाते”
फिर हमने बाहर आकर कपड़े पहन लिए। फिर मैंने भाभी से पूछा कि तुम्हें और किस-किसने चोदा है? तो तब भाभी ने बताया कि वो अपनी शादी के वक़्त तक वर्जिन थी और भैया के बाद मैंने ही उन्हें चोदा है। सिर्फ़ उनकी एक सहेली है जिससे वो शादी से पहले और शादी के बाद भी चूमती, बूब्स पंपिंग करती रहती है, उसका नाम रंजना है। तब मैंने भाभी से फ़ौरन ही रंजना की फरमाइश कर दी।
तो जिस पर भाभी मुस्कुराकर खामोश हो गयी। अब तो मेरा और भाभी की चुदाई का सिलसिला शुरू हो गया था। अब हमे जब भी कोई मौक़ा मिलता है तो हम चुदाई करते है। मैंने भाभी को घर में हर जगह और हर पोज़िशन में चोदा है, हमने एक बार तो खुले आसमान के नीचे बारिश में भीगते हुए भी चुदाई की है। अब भाभी भी मेरी चुदाई से बहुत खुश है और कहती है कि तुम बड़ी अच्छी चुदाई करते हो, तुमने मुझे चुदाई का सही लुत्फ दिया है ।