रात के 12:00 बज रहे थे और मैं जयपुर रेलवे स्टेशन पर खड़ा था उस वक्त वहां पर भीड़ तो इतनी नहीं दिखाई दे रही थी क्योंकि ठंड बहुत ज्यादा थी इसलिए मैं भी अपनी ट्रेन का इंतजार करने लगा था। जैसे ही अनाउंसमेंट हुई तो मुझे पता चला कि ट्रेन आज देरी से आने वाली है उसके बाद मैं कुछ देर तक तो सीट पर बैठा रहा तभी दोबारा अनाउंसमेंट हुई कि ट्रेन एक दो घंटे देरी से आने वाली है तो मैं वेटिंग हॉल में चला गया।
जब मैं वेटिंग हॉल में गया तो वहां पर मैं बैठा हुआ था मैंने अपने फोन को चार्जिंग पर लगा लिया था क्योंकि मेरे फोन की चार्जिंग खत्म होने वाली थी इसलिए मैं वहीं पर बैठा हुआ था। थोड़ी देर तक मैं सीट पर बैठा रहा फिर जब मैंने घड़ी में समय देखा तो उस वक्त 3:00 बज रहे थे मुझे नींद भी आ रही थी लेकिन मुझे डर था कि कहीं मुझे नींद आ गई तो ट्रेन निकल ना जाए इसलिए मैं ट्रेन का इंतजार करने लगा। मैंने अपने मोबाइल को पूरी तरीके से चार्ज कर लिया था उसके बाद मैं कुछ देर सीट पर बैठा रहा मैं जैसे ही बाहर गया तो ठंड काफी ज्यादा होने लगी थी इसलिए मैंने कम्बल निकाला और कंबल को ओढ़ लिया था।
जब मैंने कम्बल को ओढा तो उसके बाद मै कुछ देर तक मैं सीट पर बैठा रहा और तभी ट्रेन आ गई थी। मैं जैसे ही ट्रेन में अपनी सीट पर गया तो मैंने अपना सामान रखा और मुझे काफी तेज नींद आ रही थी। मुझे दिल्ली जाना था और मैं सबसे ऊपर वाली सीट में जाकर सो गया। लेटते ही मुझे बहुत गहरी नींद आ गई थी और सुबह जब मैं दिल्ली पहुंचा तो मैं वहां से अपने घर के लिए निकल गया। जब मैं घर पहुंचा तो मेरी पत्नी मुझे कहने लगी कि आपको आने में बहुत ज्यादा देर हो गई मैंने उसे बताया कि ट्रेन कल रात को देरी से चल रही थी। मेरी पत्नी मुझे बोलने लगी कि आपने तो मुझे फोन भी नहीं किया।
मैंने उसे बताया कि मैंने सोचा कि रात काफी हो चुकी है तुम्हें बेवजह परेशान ना करूं तुम लोग सो गए होंगे इस वजह से मैंने तुम्हें फोन नहीं किया वह कहने लगी कि कोई बात नहीं। मेरी पत्नी मुझे बोली कि मैं आपके लिए नाश्ता लगा देती हूं मैंने उसे कहा ठीक है तुम मेरे लिए नाश्ता लगा दो। उसने मेरे लिए नाश्ता लगाया उसके बाद भी मुझे नींद आ रही थी तो मैं सोने के लिए रूम में चला गया। मैं जब उठा तो उस वक्त शाम हो रही थी उस वक्त शाम के 6:00 बज रहे थे मैंने अपनी पत्नी से कहा कि मैं कुछ देर के लिए बाहर घूम आता हूं।
मैं कुछ देर टहलने के लिए चला गया और फिर थोड़ी देर टहलने के बाद मैं वहां से वापस लौट ही रहा था कि हमारी कॉलोनी में रहने वाले राजेंद्र जी से मेरी बात हो गयी। राजेंद्र जी हमारी कॉलोनी में ही रहते हैं और उन्हें मैं काफी पहले से पहचानता हूं उनसे मेरी काफी अच्छी बातचीत है। वह मुझे कहने लगे कि राजेश जी आप काफी दिनों से दिखाई नहीं दिए थे, मैंने उन्हें बताया कि हां मैं कुछ दिनों के लिए जयपुर गया हुआ था मुझे वहां पर कुछ जरूरी काम था इसलिए मैं यहां पर नहीं था।
वह कहने लगे कि चलिए अभी तो मैं चलता हूं मुझे घर जाना है मैंने कहा ठीक है हम लोग फिर कभी मिलते हैं। हम लोग वहां से घर चले आए, जब मैं घर आया तो मेरी पत्नी कहने लगी कि मैं आपके लिए खाना बना देती हूं। मैंने उसे कहा कि नहीं अभी मेरा बिल्कुल भी मन नहीं है लेकिन उसने मेरे लिए खाना बना दिया था। मैंने देर रात खाना खाया और फिर मैं सो गया क्योंकि अगले दिन मुझे ऑफिस जाना था इसलिए मैं सुबह जल्दी तैयार हो चुका था।
मैं सुबह 7:00 बजे उठा 7:00 बजे उठने के बाद मैं तैयार होकर अपने ऑफिस के लिए निकल चुका था। मेरी पत्नी का मुझे फोन आया और उसने मुझसे कहा कि आप ऑफिस से कब तक लौटेंगे तो मैंने उसे कहा कि मैं ऑफिस से जल्दी लौट आऊंगा क्या कुछ जरूरी काम था। वह मुझे कहने लगी कि मुझे आपसे कहना था कि आज मैं अपनी सहेली के घर जा रही हूं मैंने उसे कहा कि ठीक है मैं जल्दी आ जाऊंगा। शाम को जब मैं घर लौटा तो मेरी पत्नी मुझे कहने लगी कि आपने बहुत ही अच्छा किया जो आज आप जल्दी घर आ गये क्योंकि मुझे मेरी सहेली के घर जाना है।
मैंने उसे कहा कि तुम अपनी सहेली के घर चली जाओ। वह अपनी सहेली के घर चली गई और मैं घर पर अकेला हीं था। मेरी पत्नी जब घर पर आई तो वह मुझे कहने लगी कि राजेश आज आप बाहर से ही खाना ऑर्डर करवा दीजिएगा। मैंने अपनी पत्नी से कहा ठीक है मैं खाना बाहर से ही आर्डर करवा देता हूं और उस दिन मैंने खाना बाहर से ही आर्डर करवा दिया था। हम लोगो ने साथ में डिनर किया और फिर मैं कुछ देर के लिए छत में टहलने के लिए चला गया। मैं जब छत में गया तो वहां पर मैं टहल रहा था और उस रात मेरा फोन आया तो मैंने फोन उठाया मैंने देखा कि किसी अननोन नंबर से फोन आ रहा था।
मैंने फोन तो उठा लिया थाज़ जब मैंने फोन उठाया तो वह मेरे दोस्त का फोन था। मेरे दोस्त रोहित का फोन मुझे काफी समय बाद आया था मैं उससे बात करने लगा तो वह मुझे कहने लगा कि मैं कुछ दिनों के लिए दिल्ली आने वाला हूं। मैंने उसे कहा कि जब तुम दिल्ली आओगे तो मुझसे जरूर मिलते हुए जाना तो वह कहने लगा कि हां क्यों नहीं। वह कुछ दिनों के लिए दिल्ली आने वाला था और मैं चाहता था कि मैं रोहित से मुलाकात करूं और मैंने रोहित से काफी देर उस दिन बाद की। थोड़ी देर बाद मैंने फोन रख दिया और फिर मैं सोने की तैयारी में था।
कुछ देर तक मैंने और मेरी पत्नी ने आपस में बातें की फिर मैं सो चुका था। अगले दिन मैं सुबह ऑफिस के लिए निकल चुका था मेरा हमेशा का रूटीन एक जैसा ही था मैं सुबह ऑफिस जाता और शाम को घर लौटता मेरे जीवन में कुछ भी नया नहीं हो रहा था। मेरी जिंदगी में उस वक्त नया मोड आने लगा था जब हमारे पड़ोस में रहने के लिए फैमिली आई और मेरी बात काजल भाभी से होने लगी। उनसे बातें कर के मुझे बहुत अच्छा लगने लगा था मैं जब भी उनसे बातें किया करता तो मैं बहुत ही खुश होता। काजल भाभी के पति अक्सर बाहर ही रहा करते थे वह हमारे घर पर आ जाया करती थी। मेरी उनसे काफी अच्छी बातचीत हो गई थी मुझे बहुत ही अच्छा लगता था जब भी मैं उनसे बातें किया करता था।
हम दोनों की बातें अक्सर होती ही रहती थी एक दिन वह मुझसे बड़ी ही गर्म बातें करने लगी थी और मुझे कहने लगी कभी आप घर पर आइए मैं आपको अपने हाथों की चाय पिलाती हूं। मैने उन्हे कहा क्यों नहीं मैं जब भी आपके घर पर आऊंगा तो आप मुझे अपने हाथों की चाय पिला देना। उन्होंने मुझे अपने घर पर आने के लिए कहा था मैं उनके घर पर चला गया। काजल भाभी के साथ में बैठकर बातें कर रहा था मैं उनके बदन को देखे जा रहा था उनका गदराया हुआ बदन मुझे अपनी और खींच रहा था।
मैं बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो रहा था मेरी गर्मी बढ रही थी। मैं इतना ज्यादा गर्म हो चुका था मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था। मैंने काजल भाभी के स्तनों को दबाना शुरू कर दिया था मै उनके स्तनों को दबाने लगा था मुझे मजा आने लगा था और उन्हें भी बड़ा मजा आ रहा था जिस तरीके से उनकी गर्मी बढ रही थी। काजल भाभी ने मुझसे कहा आप अपने लंड को तो दिखाइए मैंने जब उनको अपना लंड दिखाया तो वह उसे अपना बनाना चाहती थी उन्होंने मेरे लंड को अपने हाथों में लेकर उसे हिलाना शुरु कर दिया था। जब वह ऐसा कर रही थी मुझे मजा आने लगा था और उन्हे भी बड़ा मजा आने लगा था जिस तरीके से वह मेरे लंड को हिलाए जा रही थी। हम दोनों को मजा आने लगा था।
उन्होंने मेरे लंड को चूसना शुरू कर दिया था वह उसे अपने मुंह में लेकर बड़े अच्छे से सकिंग करने लगी थी वह मेरी गर्मी को बढ़ाए जा रही थी। मेरी गर्मी काफी ज्यादा बढ़ने लगी थी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था जिस तरीके से वह मेरी गर्मी को बढ़ा रही थी वह पूरी तरीके से उत्तेजित होने लगी थी। मेरे गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी मुझसे बिल्कुल भी रहा नहीं जा रहा था। मैंने भाभी से कहा मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा हूं। उन्होंने मुझे कहा तुम मेरी चूत को चाट लो। उन्होंने अपने कपड़ों को उतारा।
मैंने उनके स्तनों को देखा मैं अपने आप पर काबू ना कर सका और मै उनके स्तनों को चूसने लगा था मुझे बड़ा मजा आने लगा था जिस तरीके से मै उनकी गर्मी को बढा रहा था हमारी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ चुकी थी। मैंने उनकी चूत को चाटना शुरू किया मुझे मजा आने लगा था मेरी गर्मी बहुत ज्यादा बढ़ने लगी थी। अब हम दोनों बिल्कुल भी रह नहीं पा रहे थे मैंने उनकी चूत पर अपने लंड को लगा दिया। मैंने उनकी चूत पर अपने लंड को लगाया तो वह गर्म होने लगी थी। मैने उनकी चूत मे लंड घुसा दिया था। मैंने उनकी चूत के अंदर लंड घुसा दिया मेरा लंड उनकी योनि में घुस चुका था अब मैं उनको बड़ी तेजी से धक्के देने लगा था।
मैं जिस तेज गति से उनको चोद रहा था मुझे मजा आने लगा था वह भी बहुत ज्यादा खुश हो गई थी जिस तरीके से मै उनको चोद रहा था। हम दोनों बहुत ज्यादा गर्म होते जा रहे हैं मैंने उन्हें बहुत तेजी से धक्के मारने शुरू कर दिए थे और उनकी गर्मी को लगातार बढता जा रहा था। उनके गर्मी इतनी ज्यादा बढ़ चुकी थी मैं बिल्कुल भी रह नहीं पा रहा था।
ना तो मै अपने आपका रोक पा रहा था ना ही वह अपने आप पर काबू कर पा रही थी। मैं उन्हें बड़ी तेजी से धक्के दिए जा रहा था मै उन्हें काफी देर तक धक्के मारता रहा। मेरा वीर्य मेरे लंड तक आ चुका था मेरा वीर्य जैसे ही गिरा तो मुझे मजा आ गया था। उनकी चूत में मेरा वीर्य जाते ही काजल भाभी मेरे पीछे पागल हो चुकी थी वह मेरे साथ सेक्स करने के लिए हमेशा ही तैयार रहती थी। जब भी उनका मन होता तो वह मुझे घर पर बुला लिया करती थी।