धूम्रपान करने से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन (लिंग के सख्त न हो पाने) की समस्या का खतरा बढ़ जाता है। इस बात में कोई संदेह नहीं है कि धूम्रपान आपके सेक्स जीवन पर बुरा असर डालता है।
साल दर साल यदि कोई पुरुष सिगरेट पीता रहे, कई अध्यन ये दर्शाते हैं कि उसे लिंग उत्तेजन की समस्या हो सकती है।
अच्छी बात ये है कि सही समय पर यदि इस आदत को लात मार दी जाये तो आने वाली इस समस्या से बचाव भी हो सकता है। ऑस्ट्रेलिया में 1500 पुरुषों पर किये गए अध्यन से ये पता चलता है कि जितना जल्दी इस आदत को छोड़ दिया जाये उतनी ही आसानी से इसके द्वारा हुए नुकसान कि भरपाई हो सकती है।
यदि किसी व्यक्ति ने पिछले दस साल में धूम्रपान नहीं किया है तो इरेक्टाइल डिस्फंक्शन कि सम्भावना उतनी ही रह जाती है जितनी किसी ऐसे पुरुष को जिसने जीवन में कभी धूम्रपान नहीं किया।
धूम्रपान बंद करने का कोई और कारण भी चाहिए? ज़रा ये सुनिए… ज़्यादा धूम्रपान करने वाले लोग (20 साल या अधिक समय) अगर धूम्रपान बंद भी कर दें तो जो नुकसान हो चुका है उसे अब बदला जाना शायद संभव न हो।
एक अमरीकी अध्ययन के अनुसार यदि वो अब धूम्रपान करना बंद भी कर दें तो उन्हें इरेक्टाइल डिस्फंक्शन कि सम्भावना उठी ही रहेगी जितनी किसी ऐसे व्यक्ति हो जो अभी भी धूम्रपान करता है।
एक और ऑस्ट्रेलियाई अध्ययन ये दर्शाता है कि धूम्रपान छोड़ देने के कुछ समय बाद उसके कुछ नुकसानों कि भरपाई हो सकती है, लेकिन कुछ ऐसे नुक्सान हैं जिनकी भरपाई शायद कभी नहीं हो पाती।
ये बात तो तय है कि धूम्रपान से लिंग उत्तेजन में समस्या आती है। लेकिन उस निष्क्रिय धूम्रपान का क्या जो किसी धूम्रपान करने वाले के साथ रहकर हम न चाहते हुए भी कर लेते हैं?
सच थोड़ा झकझोड़ने वाला है। अमेरिकी अध्ययन ये भी दर्शाता है कि लम्बे समय के पैसिव स्मोकिंग (निष्क्रिय धूम्रपान) से भी इरेक्टाइल डिस्फंक्शन हो सकता है, हालाँकि इसकी सम्भावना काफी कम है।
आखिर धूम्रपान और लिंग उत्तेजन के बीच सम्बन्ध क्या है? धूम्रपान से रक्तवाहिनी नलियों को नुकसान होता है जिसके कारण रक्त का प्रवाह मुश्किल हो जाता है।
लिंग का सख्त होना असल में समय असल में रक्त के बढे़ हुए प्रवाह के कारण आई सूजन होती है। तो शायद अब आप समझ गए हों कि यदि रक्त सही तरह प्रवाहित नहीं होगा तो लिंग भी सही तरह से उत्तेजित नहीं होगा।