चाची की जवानी पर हाथ डाला
यह कहानी मेरी और मेरी चाची अंजली की है. कहानी शुरू करने से पहले में आपको थोड़ा बहुत खुद के बारे में और अपनी चाची के बारे में बता दूँ.. मेरा नाम रविराज और मेरी हाईट 5.11 है और मेरा लंड 7.5 इंच लंबा और बहुत मोटा है. मेरी चाची की उम्र 33 साल है.. वो ठीक ठाक कद की गोरी चिट्टी औरत है.. उसका साईज़ 38-29-35 है.
अब में आपको अपनी कहानी की तरफ ले चलता हूँ. यह बात आज से तीन साल पहले की है.. जब में गाँव गया था और मेरी चाची भी छुट्टियों में अपने बच्चो के साथ गाँव आई हुई थी.. वो मुझसे बहुत फ्रेंक थी और शायद मुझे पसंद भी करती थी.. क्योंकि उनके और मेरे चाचा की उम्र में कई सालों का फ़र्क था और शायद चाचा उनको कभी भी पूरी तरह संतुष्ट नहीं कर पाते थे तो मैंने कभी भी उन्हें बुरी नज़र से नहीं देखा था लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि मेरा उनके लिए नज़रिया ही बदल गया.
हमारे गाँव के घर में बाथरूम में गेट नहीं है और घर के सभी लोग परदा लगाकर नहाते थे और एक दिन जब चाचा और घर के सभी लोग बाहर किसी काम से गये थे तो घर पर में और चाची अकेले थे और में घर में अपने कमरे में लेटा हुआ था और उस समय चाची अपने घर के काम कर रही थी. फिर कुछ देर के बाद वो अपने सभी कामों से फ्री होकर मेरे पास आकर बोली कि में नहाने जा रही हूँ.. तब तक तू खाना खा ले.. तो मैंने कहा कि ठीक है और वो चली गयी.. दोस्तों ज्यादातर हम दोपहर को एक साथ ही बैठकर खाना खाते थे और आज उन्हें नहाने और कपड़े धोने में कुछ समय लगने वाला था तो इसलिए उन्होंने मुझे खाना खाने के लिए कहा.
फिर में खाना खाकर पानी लेने नल पर गया.. तभी बाथरूम के बाहर थोड़ा पानी गिरा हुआ था तो मैंने उस पर ध्यान नहीं दिया और मेरा पैर उस पर रखते ही फिसल गया और में गिरने लगा.. लेकिन गिरते हुए गलती से मेरे हाथ में बाथरूम का परदा आ गया और वो टूटकर नीचे गिर गया और उस दिन मैंने पहली बार अपनी चाची को नंगा देखा और में थोड़ी देर तो उसे देखता ही रह गया.. वाह! क्या बदन था.. उसका गोरा रंग 38 साईज़, एकदम मुलायम बड़े बड़े बूब्स और उन पर भूरे रंग के निप्पल और फिर मैंने देखा कि उसकी बड़ी सुंदर सी चूत पर झाग लगा हुआ था और उसके एक हाथ में रेज़र था.. शायद वो अपनी झांट साफ कर रही थी और बस में तो उसे देखकर दंग ही रह गया तो वो बोली कि यह क्या देख रहे हो.. क्या तुम्हे बिल्कुल भी शर्म नहीं आती तो मैंने उन्हें सॉरी कहा और उठकर सीधा अपने कमरे में भाग गया और में बहुत डर गया.. पता नहीं चाची मेरे बारे में क्या सोचेगी..
फिर जब वो बाहर आई तो मैंने उसे एक बार फिर से सॉरी कहा.. वो बोली कि कोई बात नहीं.. इसमें तुम्हारी कोई भी गलती नहीं है.. वो तो तुम्हारा पैर फिसल गया था और फिर वो दिन एकदम ठीक ठाक बीत गया. फिर रात को में चाची और उनका छोटा लड़का एक ही रूम में सोते थे तो अब हम अपने बिस्तर पर लेट गये लेकिन मुझे उस रात नींद नहीं आ रही थी और मेरी नजरों के सामने चाची का वो सेक्सी बदन बार बार आ रहा था.. तब मैंने निर्णय लिया कि में उसे जरुर चोदूंगा और में उनके बारे में सोचकर सो गया.
फिर अगली रात जब सब सोने लगे तो मैंने देखा कि आज उन्होंने अपने बेटे को एक साईड में सुलाया है और वो खुद बीच में सोई है और हमारे रूम में 0 वॉट का बल्ब ज़ला हुआ था तो में जिसकी हल्की सी रोशनी में उसे देखने लगा.. उसने हल्के जालीदार कपड़े का सलवार सूट पहना हुआ था और वो मेरी तरफ अपनी कमर करके लेटी हुई थी और फिर मैंने थोड़ी हिम्मत करके उसका सूट धीरे से ऊपर किया तो उसकी गांड वाला हिस्सा मेरे सामने आ गया और उसने अंदर पेंटी नहीं पहनी हुई थी.. वो मुझे उसके हल्के जालीदार कपड़े के सूट से साफ साफ दिखाई दे रहा था.
तभी उसकी गांड की लाईन को देखकर में एकदम गरम हो गया और मेरा लंड एकदम सावधान पोज़िशन में तनकर खड़ा हो गया तो मैंने धीरे से आगे की तरफ सरकते हुए अपना एक हाथ उसकी गांड पर रखा और उसे सहलाने लगा. उसकी चमड़ी एकदम चिकनी थी.. तभी वो थोड़ा हिली और मैंने झट से अपना हाथ हटा लिया और सोने का नाटक करने लगा.. वो अब अपनी नींद से जाग गयी थी और उसने करवट मेरी तरफ ली और मुझे हल्के से गाल पर हाथ रखकर सहलाया तो में बहुत डर गया और मैंने नींद से उठने का नाटक करते हुए धीरे धीरे अपनी आंखे खोली तो वो मुझे देख रही थी.. फिर मैंने कहा.
में : क्या हुआ चाची?
चाची : अब नाटक मत कर तुझे सब पता है कि क्या हुआ है?
में : अंजान बनते हुए.. क्या मतलब.
चाची : तो अभी जो कर रहा था और मेरी गांड से खेल रहा था.. में उसके बारे में बात कह रही हूँ.
दोस्तों उनके मुहं से यह बात सुनकर मेरी तो हवा ही टाईट हो गयी थी और मुझे ऊपर से लेकर नीचे तक पसीने आने लगे और में बहुत सोच समझकर बोला.
में : जी नहीं.. में ऐसा नहीं कर रहा था और शायद आपसे कुछ भूल हुई है.. शायद हो सकता है कि वो नींद में मेरा हाथ लग गया हो.
चाची : अबे तू अब ज्यादा डर मत.. अगर मुझे बुरा लगा होता तो में चांटा ज़ोर से मारती.. प्यार से धीरे धीरे गाल पर हाथ नहीं घुमाती और मुझे तो बहुत मज़ा आ रहा था और तू सिर्फ़ गांड से ही क्यों? मेरे पूरे जिस्म से खेल.. में तुझे कुछ नहीं कहूँगी.
फिर में उनके मुहं से यह बात सुनकर बहुत चकित हो गया.. मुझे अपने कानों और किस्मत पर यकीन नहीं हुआ कि में जो भी कुछ घंटो पहले सोच रहा था.. वो अब शायद सच होने वाला था और मैंने कहा.
में : क्या आपको सच में मेरा वो सब करना अच्छा लगा.
चाची : हाँ आज पहली बार किसी जवान हाथ ने मेरे जिस्म को छुआ है और मुझे बड़ा मज़ा आया.. वरना तेरे उस बूढ़े चाचा के ना तो हाथ में दम है और ना ही उसके लंड में.. वो मुझे गरम करके बस दो मिनट में ही झड़कर सो जाता है और में सारी अपनी गरम चूत के साथ रात भर तड़पती रहती हूँ.
फिर मुझे लगा कि यहीं एकदम सही मौका है.. क्यों ना में आज लगा देता हूँ मौके पर चौका और फिर मैंने कहा कि..
में : अगर आप कहे तो क्या में आपकी तड़प दूर कर दूँ.
चाची : अबे साले इसलिए तो तुझे जगाया है.. क्या अब मेरा मुहं देखता ही रहेगा या कुछ करेगा.
तो बस अब मुझे ग्रीन सिग्नल मिल गया और में जल्दी जल्दी चाची के एक एक कपड़े उतारने लगा और फिर मैंने अपने भी पूरे कपड़े उतार दिए और अब हम दोनो एकदम नंगे एक दूसरे के सामने थे. फिर मैंने सबसे पहले चाची के बड़े मुलायम बूब्स अपने हाथ में लिए और उन्हे धीरे धीरे सहलाने लगा तो चाची गरम होने लगी और में उनके मुलायम बूब्स को सहला रहा था.. उनके निप्पल को दबा रहा था और फिर वो ज़ोर ज़ोर से सिसकियाँ लेने लगी और मैंने एक बूब्स को अपने मुहं में लिया और चूसने लगा.. लेकिन मेरा एक हाथ उसके दूसरे बूब्स को दबा रहा था और अपने दूसरे हाथ को में उसकी चूत पर रगड़ रहा था और उनकी चूत को धीरे धीरे सहलाते हुए जोश में ला रहा था तो चाची एकदम मस्त हो गई और वो अपनी गांड को हिला रही थी और मैंने उसे 69 की पोज़िशन में लिया तो वो मेरे लंड को अपने मुहं में पूरा अंदर तक लेकर ज़ोर जोर से चूसने लगी और उनके इस तरह चूसने से मुझे ऐसा लग रहा था कि या तो वो पहले भी किसी का लंड चूस चुकी है या फिर वो मेरे लंड को देखकर एकदम पागल हो चुकी थी.
फिर मैंने उसको सीधा लेटा दिया और उसकी चूत चाटने लगा.. अपनी जीभ उसकी चूत में डालकर उसे इधर उधर घुमाने लगा.. तभी कुछ देर बाद मैंने देखा कि वो थोड़ा हिली और वो झड़ गयी.. मैंने उसकी चूत से निकला जूस चाटा.. मुझे बड़ा मज़ा आया और थोड़ी देर के बाद में भी झड़ गया.. मैंने अपना सारा माल उसकी चूत में उतार दिया. फिर थोड़ी देर हम ऐसे ही पड़े रहे और उसके बाद थी चुदाई की बारी.. मेरा लंड थोड़ी देर के बाद फिर से एकदम टाईट हो गया.. मैंने उसे बेड पर लेटाया और अपना लंड उसकी चूत पर रगड़ने लगा..
वो धीरे धीरे गरम होने लगी और फिर मैंने एक ज़ोर का धक्का लगाया और मेरा आधा लंड उसकी चूत में चला गया लेकिन वो दर्द से तड़प उठी और बोली कि साले मादरचोद और ज़ोर से चोद मुझे.. हाँ और ज़ोर से धक्के देकर अपना लंड मेरी चूत में उतार दे.. तो मैंने ज़ोर ज़ोर के धक्के देने शुरू किए और वो पूरी मस्ती के साथ अपनी गांड हिला हिलाकर मेरा साथ दे रही थी.. 25 मिनट तक मैंने उसे जोरदार स्पीड से धक्के देकर चोदा और मैंने महसूस किया कि उसकी चूत फिर से टाईट होने लगी थी और फिर वो झड़ गयी लेकिन में अभी भी झड़ा नहीं था और उसे लगातार धक्के देकर चोदता रहा और तीन मिनट के बाद में भी उसकी चूत के अंदर ही झड़ गया.
फिर हम ऐसे ही पड़े रहे और में उसे किस करने लगा और वो भी मुझे किस कर रही थी लेकिन हम लोग बहुत थक चुके थे तो हमने एक दूसरे को साफ किया.. कपड़े पहने और सो गये.. अगली रात मैंने उसे फिर से अलग अलग पोजिशन में कई बार चोदा और मैंने एक बार उसकी गांड भी मारी.. जो अभी तक मेरे लिए कुँवारी थी.
फिर मेरी छुट्टियाँ ख़त्म हो गयी और में बहुत उदास होकर अपने घर आ गया लेकिन में जब तक वहाँ पर रहा.. मैंने चाची की चूत, गांड, बूब्स के बहुत मज़े लिए और उसे रात, दिन जी भरकर चोदा और फिर कुछ दिनों बाद मुझे पता चला कि अंजली चाची गर्भवती है और उसने मुझे फोन करके बताया कि वो मेरा ही बच्चा है तो में बहुत खुश भी हुआ और हैरान भी कि मैंने अपनी पहली चुदाई में ही किसी को गर्भवती कर दिया तो हम फिर कुछ दिनों के बाद मिले और फिर चुदाई की. अब वो चाचा से कम मुझसे ज़्यादा चुदती है और ऐसे मैंने बड़ी आसानी से अपनी अंजली चाची के मज़े लिए और उसको उसकी दूसरी औलाद भी दी.