मैं चंडीगढ़ का रहने वाला हूं. मैं पढ़ाई कर रहा हूं. मेरे पापा की उस वक्त एक एक्सीडेंट में मृत्यु हो गई थी जिस वक्त मैं छोटा था. घर की सारी जिम्मेदारी मुझ पर आ गई थी. मैं पढ़ाई के साथ काम भी करता हूँ.
यह बात 2015 की है, जब चंडीगढ़ में कैब कम्पनियां आईं और मैंने भी एक नई कार लेकर इनमें लगा ली और अच्छी कमाई करने लगा. दिन में मैं कॉलेज जाता और रात को गाड़ी चलाता हूँ. मेरी उम्र 23 साल है, मेरी हाइट 6 फुट है. मैं स्मार्ट हूँ और मेरा लंड 8 इंच लंबा और 3 इंच मोटा है. आज तक मैं बहुत चूतें चोद चुका हूँ. वैसे मैं इस साईट पर रेग्युलर स्टोरी पढ़ता हूँ इसलिए आज मैं अपना सच आप सबके साथ शेयर करने जा रहा हूँ.
एक रात मैं एक जाने माने मॉल के बाहर खड़ा था. मेरे पास निशा (बदला हुआ नाम) नाम से बुकिंग आई, मैंने कॉल किया तो उसने बताया कि वो पहली बार चंडीगढ़ आई है उसको जगह का इतना अधिक नहीं पता है.
तो मैं उसे लेने मॉल के एंट्री गेट पर पहुंच गया. मैं उसको देखता ही रह गया, बला की खूबसूरत थी. वो पीछे की सीट पर बैठ गई, मैंने ट्रिप स्टार्ट की और उसकी बताई जगह पर चल दिया.
उसने मेरा नाम पूछा और हमारी बातें चलने लगीं. उसने बताया कि वो दिल्ली से है और आर जे है, यहां वो अपनी फ्रेंड के साथ आई है. उसकी फ्रेंड अपने किसी रिश्तेदार के साथ गई है.
मैं समझ गया था कि रिश्तेदार नहीं बॉयफ्रेंड के साथ गई है. फिर मैंने अपने बारे उसे बताया.
वो बोली कि पीछे गर्मी लग रही है, तो मैंने एसी के कारण उसको आगे की सीट पर आने को कहा और वो आगे आ गई.
मैंने उसको बताया कि मैं गीत और शेर भी लिखता हूँ. उसने सुनने की जिद की और मैंने उसे एक दो शेर सुनाए. उसे बहुत पसंद आये.
कुछ ही देर में हम उसके बताये पते पे पहुंच गए. उसने कार का बिल दिया और मेरा व्हाटसैप नम्बर लिया और चली गई. मैं भी वहां से निकल पड़ा, लेकिन तभी उसका फोन आया कि उसने खाना नहीं खाया था और होटल में 11 बजे के बाद डिनर नहीं मिलता है, तुम मुझे डिनर करवाने ले चलो.
भूख तो मुझे भी लगी थी, मैंने उसे पिक किया तो उसने कहा कि कहां चलोगे?
मैंने कहा कि मेरे घर चलो.
उसने मना किया, लेकिन जब मैंने बताया कि मेरे घर कोई नहीं है, मम्मी नाना के घर गई हुई हैं.
तो वो मान गई, मैं समझ गया कि इसे कौन सी भूख सता रही है.
तभी जोर से बारिश होने लगी. हम दोनों मेरे घर पहुंचे. मैंने गाड़ी गेट के बाहर खड़ी की.. क्योंकि उसे वापस छोड़ कर भी आना था.
जब हम घर के अन्दर गए तो उसने घर की तारीफ की. मैं उसे तौलिया देकर अपने कपड़े बदलने चला गया. फिर आ कर मैंने उसे कोल्ड ड्रिंक दी और मैं किचन में खाना बनाने लगा.
वो मेरे पास आई और मेरी हेल्प करने लगी. खाना बनाने के बाद हमने खाना खाया और बैठ कर बारिश बंद होने का इन्तजार करने लगे. लेकिन बारिश बंद होने का नाम नहीं ले रही थी. हम टीवी देखने लगे, वो मेरे साथ ही सोफे पर बैठी थी. मुझे नींद सी आ गई और मुझे पता नहीं चला, मैं कब उसकी गोद में पहुंच गया. मुझे एहसास हुआ कि कोई मेरे चेहरे पर हाथ फेर रहा है.
उसने मुझे आई लव यू बोला और हम किस करने लगे. फिर इस तरह से हम दोनों खड़े होकर करीब 20 मिनट तक किस करते रहे. इसके बाद वो बोली कि सिर्फ़ किस ही करते रहोगे या कुछ और भी करोगे.
तो ये सुनते ही मैं गर्म हो गया और किस करते हुए उसके चूचे दबाने लगा.
वो बोली- समझदार हो.. जल्दी ही तरकी करोगे.
मैंने मन में सोचा कि तेरे जैसी न जाने कितनी तरक्कियां मेरे लौड़े के नीचे से निकल चुकी हैं.
वो मुझे चूमे जा रही थी और इधर मैं उसके चूचे दबाते हुए मजा ले रहा था. साथ ही मेरा एक हाथ धीरे धीरे नीचे जाने लगा था. मैं अपना एक हाथ उसकी स्कर्ट में डालते हुए उसकी चूत पर पहुँच गया था. वो भी पूरी तरह से मदहोश हो गई थी और उसकी चूत पूरी गीली हो गई थी.
मैं अपनी उंगली उसकी चूत में धीरे धीरे अन्दर बाहर कर रहा था. साथ ही मैं अपने एक हाथ से उसके चूचे दबाए जा रहा था और किस किए जा रहा था.
अब वो पागल हुई जा रही थी. मैंने उसके सारे कपड़े धीरे धीरे उतार दिए थे और वो मेरे सामने बिल्कुल नंगी हो गई थी.
क्या बताऊँ यार.. नंगी होकर वो बिल्कुल सेक्सी और हॉट पोर्न स्टार लग रही थी. उसका गोरा बदन तो मानो एकदम दूध जैसा था. मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था.
मैंने उसके निप्पल खींचे हुए कहा- आज तो जबरदस्त तरक्की होगी.
वो मुझे मस्त और नशीली निगाहों से देखते हुए बोली- अंगूर पसंद आए?
मैंने कहा- हां बेहद.. रसीले लग रहे हैं.
“तो फिर चूस कर देखो न!”
मैंने उसके दोनों निप्पलों को बारी बारी से अपने होंठों में दबा कर खींचते हुए चूसा.. वो गनगना गई और मेरे सर को अपने चूचों पर दबाने लगी.
फिर मैंने उसे उठाया और बेड पर ले गया. उसको लिटा कर मैंने उसे अपना लंड दिखाया.. तो वो डर गई, वो कहने लगी कि मैं इतना बड़ा और मोटा कैसे ले पाऊँगी?
मैंने उसकी तरफ लंड हिलाया, तो कहने लगी कि यार डराओ मत.. मेरी चूत तो किसी हालत में इतना मोटा लंड नहीं सह पाएगी और फट जाएगी.
फिर मैंने कहा- डरो मत, पहली बार में थोड़ा दर्द होगा और फिर उसके बाद नहीं होगा.
लेकिन अब वो मना कर रही थी, तो मैंने कुछ नहीं देखा और अपना लंड उसके मुँह में डाल दिया और कहने लगा कि अच्छा चूस लो.
वो लंड मुँह में लेने से मना कर रही थी, लेकिन मैंने उसे किसी तरह से मनाया तो वो मान गई और मेरा लंड चूसने लगी.
दोस्तो, आपको यकीन नहीं होगा कि वो मेरे लंड को ऐसे चूस रही थी, जैसे मानो किसी अच्छे को कोई लॉलीपॉप मिल गई हो. साली खेली खाई चुसक्क्ड़ लग रही थी, पता नहीं चूत की सील खुली थी या टूटी थी.
अब उसे भी बहुत मजा आ रहा था.
फिर हम 69 की पोजीशन में आ गए और एक दूसरे के अंग चूसने लगे.
क्या मस्त चुत थी उसकी.
फिर वो कहने लगी- अब रुका नहीं जाता.. तुम डाल दो अन्दर.
मुझसे भी नहीं रहा गया और मैंने कहा कि ठीक है मेरी जान.. मेरा लंड चूत में जाएगा. चल अब चंडीगढ़ और दिल्ली दोनों राजधानियों का मेल करवाते हैं.
फिर मैंने अपना मोटा लंड उसकी चूत में डाला, तो वो चिल्ला दी. तो मैंने उसके लिप्स पर अपने लिप्स रख दिए और एक जोर का झटका मारा.
दर्द हुआ तो उसकी आँखों में से पानी आने लगा था और वो कहने लगी- प्लीज मुझे छोड़ दो.
मैं समझ गया कि आज सील पैक चुत का मजा मिला है. मैं कहने लगा कि अभी कुछ देर दर्द होगा और फिर उसके बाद में नहीं होगा.
इसके बाद मैं जोर जोर से झटके मारने लगा था. उसकी चूत में से खून आ रहा था, लेकिन अब उसे भी मजा आ रहा था. काफी देर तक मैंने उसे लगातार चोदा. फिर उसके बाद में उसकी चूत में ही झड़ गया. इस बीच वो 3 बार झड़ चुकी थी.
अब हमें चुदाई में काफ़ी मजा आ रहा था. फिर इस तरह से मैंने उसको 2 बार और नॉन स्टॉप चोदा और उसकी चूत फाड़ डाली.
चुदाई के बाद हम दोनों थक गए थे और टाईम देखा, तो सुबह के 5 बज चुके थे. हम ऐसे ही नंगे चिपक कर सो गए. सुबह 9 बजे जब दूध वाला आया, तो दरवाजे पर दस्तक हुई. रात को हम दोनों बिना लॉक लगाए दरवाजा यूं ही उड़का कर सो गए थे. हमारे घर के ऊपर वाले फ्लोर हमने एक फैमिली को किराये पर दे रखा है, वो भाभी मुझे उठाने अन्दर आ गईं. उन्होंने मुझे और निशा को इस हालत में देखा, तो वो उल्टे पाँव चली गईं.
मैं दस्तक से उठ गया था, तभी भाभी जी ने अन्दर आ कर हम दोनों को नंगी हालत में देख लिया था. इससे मैं डर गया था. मैं सोचने लगा कि भाभी जी अन्दर कैसे आ गईं, फिर याद आया कि रात को हमने डोर बंद तो किया था मगर लॉक नहीं किया था.
फिर मुझे खुद पर गुस्सा आया और मैंने जल्दी से एक तौलिया बाँधी और दूध लेकर किचन में रखा. फिर मैंने निशा को उठा कर तैयार होने को बोला और बेडशीट हटा कर उसे एक पोलोथीन में डाली.
तब तक निशा भी तैयार हो गई थी. हमने किस किया और गरम हो चुका दूध पिया.
मैं उसे जल्दी से उसके होटल छोड़ने निकल गया, रास्ते में हमने किस किए. मैं उसे होटल के बाहर छोड़ कर जल्दी से घर आ गया और ऊपर वाली भाभी के पास जा पहुंचा.
भाभी के पति 8 बजे ऑफिस चले जाते हैं और बच्चे भी 8 बजे स्कूल चले जाते हैं. इस वक्त भाभी अकेली थीं तो मैंने उनसे कहा- आप प्लीज मॉम को मत बताना.
तो भाभी मुस्कुरा कर बोलीं- एक शर्त पर.!
मैंने कहा- क्या शर्त है?
भाभी बोलीं- उधर बैठो.. शर्त अभी बताती हूँ.