सेक्स टॉयज का इस्तेमाल न सिर्फ सिंगल महिलाएं और पुरुष बल्कि, शादी-शुदा लोग भी करते हैं। हालांकि, भारत में इसका इस्तेमाल कितने प्रतिशत तक किया जाता है इसका कोई सटीक आंकड़ा उपलब्ध नहीं हैं क्योंकि, भारत में अभी भी सेक्स टॉयज पर न खुलकर बात की जाती है।
एक ई-कॉमर्स साइट की मानें, तो उसने अपने साल 2018 के ऑनलाइन सर्च से इस बात का खुलासा किया है कि करीब 20 फीसदी भारतीय ल्यूब्रिकेंट्स, सेक्स गेम्स और सेक्स टॉयज के बारे में जानने या खरीदने के लिए ऑनलाइन सर्च करते हैं, जो यह साफ करता है कि भारत में भी सेक्स टॉयज के इस्तेमाल में लोग दिलचस्पी लेते हैं।
क्यों किया जाता है सेक्ट टॉयज का इस्तेमाल?
सेक्स टॉयज का इस्तेमाल व्यक्ति सेक्स का आनंद उठाने के लिए करता है। यह एक छोटे या बड़े खिलौने के रूप में मिलता है, जिसमें डिल्डो और वाइब्रेटर जैसे खिलौने का निर्माण महिलाओं के लिए किया जाता है। पुरुषों के लिए सेक्स टॉयज महिलाओं की योनि के रूप में डिजाइन किए खिलौने होते हैं। हालांकि, विदेशों में अब सेक्स टॉयज के तौर पर डॉल्स भी मिलती हैं।
सेक्स टॉयज कैसे काम करता है?
ये खिलौने मोबाइल फोन की तरह चार्ज किए जा सकते हैं। या फिर कुछ सेल के जरिए भी चलते हैं, जो कंपनशील या अकंपनशील हो सकते हैं।
बैन है सेक्स टॉय का इस्तेमाल
सेक्स टॉय का इस्तेमाल करना भारत में गैर कानूनी अपराध माना जाता है। भारतीय दंड संहिता की धारा 292 के तहत सेक्स टॉय खरीदना या इसकी बिक्री करने पर पाबंदी लगाई है क्योंकि, सेक्स टॉय का इस्तेमाल भारत में ‘अश्लील’ माना जाता है, जिसके तहत इस नियम का उल्लंघन करने पर दो साल तक की जेल हो सकती है।
ऑर्गैज्म के लिए कितना सफल है सेक्स टॉयज का इस्तेमाल?
इसमें कोई दोराय नहीं कि सेक्स टॉयज का इस्तेमाल रियल सेक्स जैसे ही प्लेजर ही देते हैं। हालांकि, यह व्यक्ति के अनुभव पर भी निर्भर करता है। क्योंकि, सेक्स टॉयज के इस्तेमाल में किसी दूसरे साथी की जरूरत नहीं होती। लेकिन, अगर किसी को सिर्फ साथी के साथ ही सेक्स करना पसंद है, तो उन्हें सेक्स टॉयज से रियल सेक्स जैसा प्लेजर नहीं मिल सकता है।