पड़ोस की भाभी खुद पटकर चुदी-
भाभी की नंगी गांड देख कर मेरा मन उसकी गांड मारने का हो गया था पर भाभी डर गयी और गांड बाद में चोदने की बात करने लगी. तो मैंने भाभी की चूत को ही पेला.
दोस्तो, मैं पंकज पांडे आपको अपनी पड़ोसन रानी भाभी को सैट करके चोदने की सेक्स कहानी सुना रहा था.
कहानी के पहले भाग
देसी भाभी की चिकनी चूत
में अब तक आपने पढ़ा था कि रानी ने कैसे मेरी बात को माना और दो बार रानी की चुदाई होते होते रह गई.
अब आगे भाभी की नंगी गांड:
करीब 15-20 दिन बाद शाम को रानी मुझे देखने के बाद अपने बड़े लड़के को कह रही थी कि बेटा कल पिच बना दूँगी, तब खेलना.
मैं यह सुनकर खुश हो गया और शाम को अपनी कोचिंग की क्लास चला गया.
वहां से वापस आया तो पता चला मेरी नानी चल बसी हैं और हम सबको उनके क्रियाकर्म में जाना है.
अब मेरा भेजा फिर से खराब हो गया कि नानी को भी अभी ही जाना था!
उसी बीच मुझे यह बात भी पता चला कि कल गुलाब को भी अपने गांव जाना है.
उसका गांव भी हमारी नानी के गांव के पास में ही था.
अपने वादे के मुताबिक रानी मासिक आने के बाद मुझे देने के बाद अपने पति को देती.
अब उसका चेहरा भी रोने के जैसा था और मेरा तो पूछो ही मत!
साला तीसरी बार खड़े लंड पर चोट हो रही थी.
इस बीच रानी मुझे अकेले में मिली भी नहीं कि उससे कुछ समझ पाता.
हां उसने कुछ लिख के मेरे कोचिंग वाले बैग में डाल दी थी.
यह खत शायद उसने दोपहर को लिखा होगा.
अब हमारे घर में यह तय हुआ कि मैं मां और पापा बस से जाएंगे.
रानी के पति का पता नहीं था. वह रात को 9 बजे काम पर से आया और तब उसको सब पता चला.
वह बोला- मैं तो अपने गांव परसों जाने वाला था, अब एक काम करो, सब साथ चलते हैं.
उसने और मैंने सुबह ही जाकर आभा ट्रेवल्स की टिकट निकाल ली.
जो पाठक यूपी के होंगे, उनको आभा ट्रेवल्स का पता होगा.
अब हम सब चले गए और मैंने अपने कोचिंग क्लास के बैग में अपने दो दिन के कपड़े डाल लिए.
बस शाम 8 बजे की थी, जो सुबह 9 बजे बनारस पहुंचती थी.
रास्ते में बस खवासा में रुकी तो सब नीचे उतर कर हल्का होकर वापस बस में आ रहे थे.
मैं जल्दी से जाकर आ गया और रानी का लिखा लेटर पढ़ने लगा.
उसमें लिखा था: बहुत सारा प्यार, आपसे चुदवाने के लिए तड़प रही हूँ. क्या आपका लंड मेरी किस्मत में होगा या नहीं, यह तो ऊपर वाला ही जाने. आपसे चुदवाने के लिए मुझे अपने पति से चुदे करीब 20 दिन हो गए हैं. आज से मेरे पति एक महीने के लिए गांव जा रहे हैं. अब क्या करूँ? इसलिए मैंने यह तय किया है कि अब आपसे चुदवाने के बाद ही उनसे चुदूँगी … यह आपसे वादा है. बस अब और नहीं रहा जाता. आप अपना सब काम ख़त्म होते ही कोशिश करना कि आंटी (मेरी मां) के आने के पहले ही आप चले आना. आपके लंड के इंतजार में मेरी चूत!
मैंने गांव पहुंच कर सब काम निपटने का इंतजार किया और मम्मी पापा से पढ़ाई का बहाना करके उनसे पहले वापस आ गया.
वहां से निकलते ही मैंने रानी को कॉल कर दिया- अपनी चूत को साफ रखना … मैं अकेला वापस आ रहा हूँ.
मैंने उससे यह भी पता किया कि उसका पति कब वापस आएगा.
उसने बताया कि मैं 5 मिनट में पता करके आपको कॉल करती हूँ.
करीब 30 मिनट बाद रानी का कॉल आया कि उसके पति को अभी 12 दिन और लगेंगे.
उसने यह भी बताया कि हमारे जाने के एक दिन बाद अचानक से उसकी जेठानी का पूरा परिवार भी चला गया. उनका कुछ ज़मीन जायजाद का लफड़ा था.
अब रानी ने सब प्लान कर लिया था कि कहां कहां कैसे कैसे चुदवाना है.
मेरे फोन के बाद रानी ने अपनी जेठानी को कॉल किया और वह बोली- प्रेम अकेला आया है, क्या करूँ?
उसकी जेठानी ने बोला कि उसकी मां का कॉल आया था मेरे पास खाना बनाने के लिए. मैंने तो उन्हें बता दिया है कि मैं पूरे परिवार के साथ गांव आई हूँ. रानी है वहां, तो वह सब संभाल लेगी. तुम एक काम करो, उसे आने दो और उसका खाने आदि का देख लेना और तुम रात में मेरे घर पर सो जाया करना.
अब रानी को अपनी जेठानी के घर भी सोना था.
उसकी जेठानी का घर काफ़ी बड़ा था तो वह अकेले सोने में डर रही थी.
पर बाद में उसने सब सैट कर लिया.
अब अगली सुबह 9 बजे मैं आ गया.
मैंने देखा कि रानी ने मेरे लिए चाय बना कर रखी थी.
वह बोली- नहा लो और चाय पी लो. उसके बाद मस्त पिच बनाई है, आपको उसी पर खेलना हैं.
मैं समझ गया कि क्या करना है.
चूंकि सफ़र का थका था तो दिन में तो दबा कर सोया.
शाम को उठा, सब पड़ोस के लोग आए थे अफसोस जताने के लिए कि नानी का कैसे क्या हुआ.
उसके बाद सबने खाने को और सोने के लिए पूछा.
घर में अकेला होना मेरा पहली बार था, यह सबको पता था.
मैंने रानी से पूछा.
तो रानी ने बताया कि उसकी जेठानी का कॉल आया था. तुम्हारी मां का कॉल उनको गया था कि वे तुम्हारा खाने का देख लें। मेरी जेठानी का घर बड़ा है तो मुझे उसे भी देखना है. मैंने अपनी जेठानी से कह दिया था कि रात में मैं और प्रेम वहीं रहेंगे. मेरी जेठानी ने कह दिया है कि जैसा ठीक लगे सो करना.
दिन में मैंने रानी से कोचिंग क्लास जाने को कहा.
उसने हां कहा, तो मैं समझ गया कि यह रात की रानी है, दिन में नहीं देगी.
मैं क्लास चला गया और शाम को खाना खाने के टाइम आया.
वापस आते वक्त मैं सेक्स की गोली लेकर आया.
ठंड की वजह से मुहल्ले के सब लोग खाना खाकर अपने अपने घरों में पैक हो गए थे.
रानी के बच्चे भी यहीं सो गए थे.
हम दोनों भी खाना खाकर सब काम निपटा कर रानी की जेठानी के घर जाने लगे.
मैंने रानी से कहा- मेरे सर में दर्द है, रूको मैं दवा खा लेता हूँ.
यह कह कर मैंने एक गोली खा ली क्योंकि उसका असर होने में समय लगता है.
अब दोनों बच्चों को साथ लेकर रानी और मैं उसकी जेठानी के यहां आ गए.
मैं छत पर चला गया और एक सिगरेट सुलगा कर रानी की चुदाई के बारे में सोचने लगा.
रानी भी बच्चों को सुला कर छत पर आ गई.
उसने अपनी जेठानी को कॉल करके बता दिया कि हम आप के घर पर आ गए हैं. प्रेम हॉल में सो गया है.
जेठानी से बात करके फोन रख कर उसने पति को लगाया और बात की.
उसके बाद जब मुझे लगा कि अब गोली का असर चालू हो गया है, तो मैं नीचे आ गया.
मेरे पीछे रानी भी आ गई.
सारी बिजली आदि बंद करके हम लोग कमरे में चले गए.
रानी बाथरूम गई और वापस आ गई.
हम दोनों बैठ कर बात करने लगे.
रानी अपना दुखड़ा रोने लगी- मैंने इस पल के लिए कितना दुख सहा है. आज पूरी रात चोदना मुझे, अगर मैं सो भी जाऊं तो भी चोदना.
इतना बोल कर रानी ने अपने और मेरे सारे कपड़े उतार कर अलग कर दिए और वह मेरे पूरे बदन को चूमने लगी.
मैंने देखा उसके बड़े बड़े चूचे, मोटी गांड और पावरोटी की तरह फूली हुई चूत सब कुछ एकदम मस्त लग रहा था.
वह मेरा लंड चूसे जा रही थी.
अब 69 की स्थिति में चुसाई का कार्यक्रम चलने लगा था.
उसके बाद जब मैंने अपना लंड पहली बार रानी की चूत पर रखा तो पूछो मत यार … ऐसा लगा कि आज मैंने जंग जीत ली है.
मैंने लंड को ठेल दिया अंदर … तो मेरे लंड का थोड़ा सा हिस्सा रानी की चूत के अन्दर घुस गया.
उसकी चूत बहुत कसी हुई थी.
दो बच्चों के बाद उसकी चूत इसलिए कसी हुई थी कि उसके दोनों बच्चे ऑपरेशन से हुए थे.
वह आह आह करने लगी.
मैंने उसके दोनों दूध पकड़े और चुदाई चालू की.
वह आह उह करती रही.
मैंने उसकी आवाजों को अनसुना करते हुए उसे दबा कर चोदा.
मैं बहुत देर बाद पहली बार झड़ा था.
जबकि उस बीच रानी दो बार झड़ चुकी थी.
जब मैं झड़ने को हुआ तो मैंने अपना पूरा पानी रानी की चूत में ही डाल दिया.
करीब सवा ग्यारह बजे हमारा पहला राउंड ख़त्म हो पाया था.
उसके बाद 11.30 को दुबारा दूसरा राउंड चालू हुआ.
मस्त चुदाई हो रही थी.
तभी रानी का बच्चा छोटा वाला रोने लगा.
रानी नंगी ही गई और उसे दूध पिला कर आ गई.
फिर से चुदाई शुरू हुई.
मैंने उसे करीब 2 बजे तक चोदा.
उसके बाद रानी की गांड मारने की बारी आ गई थी.
वह गांड मरवाने को नहीं मान रही थी.
मैंने उससे कहा- सोच लो, यह रात बार बार नहीं आएगी.
जब मैंने उससे यह कहा तो वह रोने लगी क्योंकि उसके पति से कुछ होता नहीं था.
वह शायद लंड डाल कर एक मिनट में ही चूत में फुच्च फुच्च करके माल निकाल कर सो जाता था.
उसके माल की बूंद से ही भाभी के दो बच्चे तो पैदा हो गए थे लेकिन रानी की चूत तृप्त न हो सकी थी.
यही सब सोच कर वह बोली- ठीक है आज रहने दो, कल कर लेना पीछे से!
मैंने भी सोचा कि इसकी कुछ दवा भी आती होगी, तभी तो साले नेट पर गांड चुदाई की वीडियो देखने मिलती है.
मैंने उसी वक्त तय कर लिया था कि आज रानी की आगे की चुदाई का मजा ले लेता हूँ. कल पीछे का इलाज करूंगा.
बस यह सोच कर मैंने वापस से उसे अपने पास खींचा तो वह ये सोच कर डर गई कि मैं उसकी गांड मारने वाला हूँ.
मैंने उससे कहा- आज आगे से ही काम चला लेता हूँ. मगर कल तुझे पक्के में अपनी गांड मरवानी पड़ेगी.
वह खुश हो गई और बोली- ओके.
मैंने उसके एक दूध को अपने मुँह में भर लिया और दूसरे को हाथ में भर कर दबाने लगा.
वह मस्त होने लगी.
कुछ देर बाद उसने मेरा लंड चूसा और चुदने के लिए सीधी होकर चित लेट गई.
मैंने कहा- ऐसे नहीं, इस बार तू मेरे लौड़े की सवारी करेगी.
वह मान गई और मेरे लौड़े पर बैठ कर कमर उचकाने लगी.
मैं उसके थन दबोच कर चुदाई का मजा लेने लगा.
उसी दरमियान मैंने भाभी की नंगी गांड मारने की चर्चा छेड़ दी तो रानी बोली कि एक बार उसके पति ने कोशिश की थी, तब बहुत दर्द हुआ था और उनका लंड एक मिनट वाला है न, इसलिए सिर्फ दर्द ही मिल सका था.
मैंने कहा- ओके, दर्द किस वजह से हुआ था?
वह बोली- उसका सूखा लंड था न!
मैंने कहा- तो चिकना कर लेती!
वह हंस दी और बोली- चूसने का बहुत बार सोचा, पर वह तो एक मिनट वाली मैगी है न, तो मुँह में लेते ही झड़ जाता है.
मुझे उसकी बात पर हंसी आ गई और मैंने कहा- तो तेल लगा लेती!
वह हंसी और बोली- अरे यार … वह भी ट्राय कर लिया था, पर वह तो एक मिनट वाली मैगी है न … हाथ लगाया और फुच्च फुच्च!
मुझे इस बार और जोर से हंसी आई.
फिर वह कहने लगी- तुम्हारा बहुत बड़ा है और देर तक चलता भी है, तो यह तो मेरी नंगी गांड का गड्ढा बना देगा!
मैंने कहा- चल डर मत मेरी जान … कल कोई जुगाड़ देखता हूँ कि किस तरह से बिना दर्द के गांड चुदाई की जाए.
वह रहस्यमयी मुस्कान के साथ बोली- वह तो मुझे मालूम है.
मैंने कहा- क्या मालूम है?
वह बोली- एक जैल आती है, उसका नाम KY जैल होता है, इसका यूज डॉक्टर्स भी करते हैं. वे गांड में उंगली या अपना कोई टूल डालने से पहले उसमें इसी जैल को लगाते हैं.
मैंने कहा- तुझे बड़ी जानकारी है?
वह बोली- उस एक मिनट वाली मैगी ने ही इस जैल का यूज किया था.
मैंने कहा- फिर क्या हुआ?
वह बोली- उसी दिन तो उस जैल को लगा कर डाला था, पर दर्द हो गया था.
मैंने कहा- फिर किस काम की जैल?
वह हंसी और बोली- अरे उसे लगा कर कुछ देर रुकना पड़ता है. लेकिन वह तो एक मिनट वाली मैगी है न … सो उसे जल्दी पड़ी थी. बस उसने पेला और दर्द के साथ फुच्च फुच्च हो गया.
मैंने कहा- ओके, तो वही वाली जैल लानी पड़ेगी!
वह बोली- वह है मेरे पास.
मैंने कहा- तो लगा न आज ही?
वह बोली- आज नहीं प्लीज … आज आगे का पूरा सुख ले लेने दे, कल पीछे से कर लेना … पक्का वादा.
उसकी मासूमियत पर मुझे हंसी आ गई और मैंने उसकी चूत में धकापेल मचा दी.
दोस्तो, उस रात को उसकी चार बार चुदाई करने का मजा लिया और उतने में उसकी चूत भोसड़ा बन गई थी.
बाकी उसके बाद 10 रातों तक कैसे उसे चोदा और कहां कहां चोदा, वह सब सेक्स कहानी के अगले भाग में बताऊंगा.