चुकंदर कई प्रकार के पोषक तत्वों से भरा हुआ है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभदायक होते हैं। लेकिन क्या महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान चुकंदर का सेवन करना चाहिए? आज हम आपको प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने के फायदे के बारे में बताएंगे।
महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान अपने खानपान पर विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है, ऐसे में उनको पता होना चाहिए कि क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए। चुकंदर आयरन का अच्छा स्रोत माना जाता है क्योंकि इसमें फोलिक एसिड पाया जाता है जो कि खून बढ़ाने के लिए आवश्यक होता है।
इसके साथ ही चुकंदर में नाइट्रेट, मैग्नीशियम, सोडियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस, कैल्शियम, आयोडीन, विटामिन बी1, बी2 और विटामिन सी पाया जाता है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने के फायदे के बारे में बताएंगें।
क्या प्रेगनेंसी में चुकंदर खाना सुरक्षित है?
जी हां आप गर्भावस्था के दौरान चुकंदर का सेवन कर सकती है और पूरी तरह से सुरक्षित हैं। एक अध्ययन के अनुसार 97% प्रेगेंट महिलाओं के चुकंदर के रस पीना पूरी तरह से सुरक्षित और इससे माँ और होने वाले बच्चे को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होता हैं। इसमें मौजूद नाइट्रेट और आयरन की अच्छी मात्रा होती हैं। नाइट्रेट भ्रूण के विकास में और आयरन महिलाओं में खून की कमी को दूर करने में मदद करता हैं।
प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने के लाभ
बीटरूट विटामिन और खनिजों से भरा हुआ है इसलिए गर्भावस्था के दौरान चुकंदर खाने से निम्न लाभ होते हैं।
प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने के फायदे एनीमिया में
गर्भावस्था के दौरान आयरन की कमी से एनीमिया हो सकता है और थकान और कमजोरी जैसे लक्षण पैदा हो सकते हैं। इसलिए विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि प्रेगनेंसी में 30 से 60 मिलीग्राम प्रति दिन आयरन लेना चाहिए। पके हुए चुकंदर की 150g मात्रा में 1.2mg आयरन की मात्रा होती है। इसलिए महिलाओं को प्रेगनेंसी को दौरान चुकंदर के जूस का भी सेवन करें।
प्रेगनेंसी में चुकंदर खाने के लाभ भ्रूण के विकास में
भ्रूण की वृद्धि के लिए चुकंदर का सेवन करना बहुत ही लाभदायक होता है। इसमें फोलिक एसिड अच्छी मात्रा में पाया जाता है जो गर्भ में बच्चे को बर्थ डिफेक्ट होने से बचाता है। फोलिक एसिड भ्रूण के शरीर में नए सेल्स बनाने, रीढ़ की हड्डी और दिमाग के विकास में मदद करता है। इसलिए प्रेगनेंसी में चुकंदर फायदेमंद होता हैं।
गर्भावस्था में चुकंदर खाने के फायदे पाचन में
गर्भावस्था के दौरान, हार्मोन आपके पाचन को सुस्त बना सकते हैं। फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ खाने से आपको नियमित रूप से रखने से गर्भावस्था के कब्ज को दूर करने में मदद मिल सकती है। चुकंदर में फाइबर में उच्च मात्रा में होता हैं। कप चुकंदर में लगभग 4 ग्राम फाइबर होता है, जो 28 ग्राम की दैनिक सिफारिश का लगभग 14 प्रतिशत है। इसलिए महिलाओं को प्रेगनेंसी में चुकंदर का सेवन करना चाहिए।
प्रेगनेंसी में चुकंदर खाना तंत्रिका ट्यूब दोष को रोकने में मदद करता है
चुकंदर फोलिक एसिड का एक अच्छा स्रोत हैं और पर्याप्त फोलिक एसिड प्राप्त करने से जन्म के समय कुछ विकास संबंधी समस्याओं जैसे कि एनासेफली और स्पाइना बिफिडा को रोकने में मदद मिल सकती है। सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (Centers for Disease Control and Prevention) के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान, महिलाओं को आमतौर पर प्रत्येक दिन फोलेट या फोलिक एसिड का 400 माइक्रोग्राम प्राप्त करना चाहिए। हालांकि, कुछ कुछ महिलाओं को काफी अधिक फोलिक एसिड की आवश्यकता हो सकती है। आपको चुकंदर खाने के साथ, आपको उच्च गुणवत्ता वाला जन्मपूर्व विटामिन भी लेना चाहिए जिसमें फोलिक एसिड या फोलेट होता है।
प्रीक्लेम्पसिया का रिस्क कम करने के लिए खाएं चुकंदर
चुकंदर के रस का सेवन करने से रक्तचाप कम हो सकता है, विशेष रूप से प्रीक्लेम्पसिया संबंध जोखिम। इसलिए प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं को प्रीक्लेम्पसिया (preeclampsia) के खतरे से बचने के लिए चुकंदर का सेवन करना चाहिए।
सही वजन बनाए रखने के लिए गर्भावस्था में खाएं चुकंदर
अक्सर महिलाओं का वजन गर्भावस्था के दौरान बढ़ा जाता है, लेकिन चुकंदर वजह को मेन्टेन रखने में मदद कर सकता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ ऑब्सटेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट (ACOG) का सुझाव है कि अगर आपके गर्भ में एक बच्चा हैं, तो दूसरी तिमाही में प्रतिदिन 340 कैलोरी अतिरिक्त मिलनी लेना शुरू हो जायेगा। यदि आपके गर्भ में जुड़वाँ बच्चे हैं तो यह मात्रा बढ़कर 600 कैलोरी प्रतिदिन हो जाती है।
चुकंदर आपके आहार के लिए एक अच्छा है क्योंकि वे विटामिन सी, पोटेशियम, फाइबर, फोलेट, मैंगनीज और आयरन से भरा होता हैं। सभी पोषक तत्व होने के बाद भी कैलोरी में कम होता है जो वजन संतुलित रखने में मदद करता हैं।
प्रेगनेंसी में चुकंदर कब, कितना और कैसे खाना चाहिए –
गर्भावस्था के शुरुआती तीन महीनों इसका सेवन लाभदायक होता हैं, इसके बाद चुकंदर नहीं खाना चाहिए। महिलाएं एक दिन में केवल एक बार, एक कप चुकंदर के जूस में शहद मिलाकर सेवन करें। महिलाएं इसका सेवन सलाद बनाकर, जूस बनाकर, सब्जी बनाकर और हलवा बनाकर भी कर सकती हैं।
गर्भावस्था में चुकंदर खाने के नुकसान
- अधिक चुकंदर खाने से आपका मूत्र और मल गुलाबी या लाल हो सकता है।
- कुछ महिलाओं को इसके अधिक सेवन से मतली और दस्त जैसी समस्या हो सकती है।
- गर्भावस्था में चुकंदर खाने के नुकसान हार्टबर्न व सीने में जलन होना।
- अधिक चुकंदर खाने से मेथेमोग्लोबिनेमिया (Methemoglobinemia) जैसे रक्त संबंधी विकार हो सकते हैं।
- किडनी स्टोन का खतरा और थायरॉयड वालों के लिए नुकसानदायक हो सकता हैं।
- भ्रूण की कोशिकाओं में घातक परिवर्तन होना।
- किडनी और लिवर रोग वाले लोग इसका सेवन न करें।